Repo Rate: रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं, क्या Repo Rate स्थिर रहने से आपके लोन की EMI में होगा कोई बदलाव?

Repo Rate
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Repo Rate: पिछले कुछ दिनों से यह संभावनाए जताई जा रही थी की इस बार Repo Rate में कुछ तो बदलाव किए जाएंगे। इस सब संभावनाओ से परे भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने तीन दिनों तक चली बैठक के बाद Repo Rate को वर्तमान दर पर बरकरार रखने का फैसला किया है अर्थात ये 6.50 फीसदी पर ही यथावत रखा गया है। Repo Rate स्पष्ट रूप से बैंकों से जुड़े होते है तथा EMI स्पष्ट रूप से बैंकों से जुड़े होते है अर्थात इस बात से यह सुनिश्चित हो गया है की बैंक लोन की ईएमआई में फिलहाल कोई बदलाव नहीं होने वाला हैं।

पहली MPC Meeting में भी पॉलिसी रेट स्थिर

दरअसल  दर निर्धारण समिति ने लगातार आठवीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। इससे पहले केंद्रीय बैंक ने पिछली बार फरवरी 2023 में रेपो दर बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत की थी। इससे पहले इस वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली MPC Meeting में भी पॉलिसी रेट स्थिर रखे गए थे। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को मुंबई में शुरू हुई बैठक के नतीजों का ऐलान किया जिससे Repo Rate स्थिर रहने से आपके लोन की EMI में भी कोई बदलाव नहीं होगा हालांकि, केंद्रीय बैंक ने GDP Growth के अनुमान को बढ़ा दिया है. इसे 7 फीसदी से 20 बेसिस पॉइंट बढ़ाते हुए 7.20 फीसदी कर दिया गया हैं।

क्या हैं Repo Rate?

जिस तरह हम अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक से कर्ज़ (Lone) लेते है और उसे एक निर्धारित ब्‍याज के साथ चुकाते हैं, उसी तरह सार्वजनिक, निजी और व्‍यावसायिक क्षेत्र की बैंकों को भी अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए लोन लेने की जरूरत पड़ती है, ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जिस ब्‍याज दर पर बैंकों को लोन दिया जाता है, उसे रेपो रेट (Repo Rate) कहा जाता है। Repo Rate कम होने पर आम आदमी को राहत मिल जाती है और रेपो रेट बढ़ने पर आम आदमी के लिए भी मुश्किलें बढ़ती हैं। 

EMI क्या होता हैं ?

EMI अर्थात समान मासिक किस्त (Equated Monthly Installment- EMI) एक ऐसी सुविधा है जो किसी बैंक या वित्‍तीय संस्‍थान से लोन चुकाने के लिए मिलती है, सरल शब्‍दों में समझें तो जब भी हम अपनी किसी जरूरत के लिए होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन आदि किसी भी तरह का ऋण बैंक या किसी वित्‍तीय संस्‍थान से लेते है तो बैंक अथवा वो वित्‍तीय संस्‍थान, उस लोन को विशेष ब्‍याज दरों के साथ तय समय सीमा के अंदर किस्‍तों में चुकाने की अनुमति देते है।

ग्राहक को निश्चित तिथि पर मासिक किस्‍त के रूप में तय की गई रकम का भुगतान करना होता है इस प्रक्रिया से स्वरूप जिस प्रकार से रकम भुगतान की जाती है उसे ही EMI कहा जाता हैं।

Repo Rate के घटने-बढ़ने से EMI कैसे प्रभावित होता है?

Repo Rate एक तरह का बेंचमार्क होता है, जिसके आधार पर अन्‍य बैंक आम लोगों को दिए जाने वाले लोन के इंटरेस्‍ट रेट को निर्धारित करते है। चूंकि Repo Rate सीधे ऋण दरों को प्रभावित करती है। अपरिवर्तित दर का मतलब है कि मौजूदा लोन 6.50 पर ऊंचे Repo Rate पर बेंचमार्क बने रहेंगे, साथ ही नए लोन को पुराने लोन की तुलना में कम स्प्रेड के साथ पेश किए जाने की संभावना है।

ब्‍याज की दरों के बढ़ने का सीधा असर आम लोगों पर

ब्‍याज की दरों के बढ़ने का सीधा असर आम लोगों की EMI पर पड़ता है और उनकी EMI बढ़ जाती है, वहीं जब Repo Rate कम किया जाता है तो आम लोगों को भी लोन कम ब्‍याज दर पर मिलते हैं और उनकी EMI भी कम होती है। Repo Rate से प्रभावित EMI आम लोगों द्वारा होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ब्‍याज दर को निर्धारित करने हेतु उपयोगी साबित होता हैं।

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया की “ईंधन की कीमतों में गिरावट के रुख के लिए एलपीजी कीमतों में कटौती यह एक मुख्य कारण है तथा व्यापक बाजार में बदलाव का कारण खाद्य कीमतों में वृद्धि की वैश्विक प्रवृत्ति पर भी हो सकता है। खाद्य कीमतों में अनिश्चितता पर नजर बनाए रखने की जरूरत है तथा कोर महंगाई दर पर निगरानी रखने की भी  जरूरत है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में रुपये में कम उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा जिससे FY25 की दूसरी तिमाही में GDP ग्रोथ का अनुमान 6.9% से बढ़ाकर 7.2% कर दिया गया है।

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Rohini Thakur

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