Quant Mutual Fund: Quant Mutual Fund कंपनी पर एक बड़ी मुसीबत के चलते बाजार नियामक SEBI एसेट मैनेजमेंट के द्वारा कंपनी के खिलाफ फ्रंट रनिंग के कथित मामले में जांच चलायी जा रही है। अब इस मामले की रिपोर्ट कहा तक चल रही है तथा क्यों कंपनी पर यह जांच की जा रही है आगे की रिपोर्ट पर यह पता चलेगा। वहीं क्वांट म्यूचुअल फंड ने हाल के वर्षों में खुदरा निवेश के कारण उल्लेखनीय वृद्धि का अनुभव किया है। मार्च 2020 में इसके प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां 233 करोड़ रुपये से बढ़कर वर्तमान में 80,470 करोड़ रुपये हो गई हैं।
Quant Mutual Fund कंपनी ने बताया
इस जांच के मामले को सही बताते हुए Quant Mutual Fund कंपनी ने बताया की यह जांच जो उनपर चलाई जा रही है वो सभी सत्य है तथा कंपनी ने बताया की वो सब इस जांच में SEBI (Securities and Exchange Board of India) भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड का पूरा सहयोग करेंगे और कंपनी पर जिस तरह की जांच होगी वो हमे स्वीकार होगी। कंपनी ने यह बयान जांच की खबरे आने के कुछ ही दिनों बाद जारी किया था जिससे सभी को पता चल सके की यह खबर झूठी नहीं है।
क्या होता है फ्रंट रनिंग?
सभी के मन में यह तो विचार आया ही होगा की फ्रंट रनिंग क्या होता है और यह कंपनी पर जांच का कारण क्यों बन गया है तो फ्रंट रनिंग, एक ऐसी प्रथा है जिसमें प्रबंधक अपने ग्राहकों के लिए बड़े ऑर्डर निष्पादित करने से पहले स्वयं के लिए प्रतिभूतियां खरीदते हैं, जिससे कीमतें बढ़ जाती हैं, यह जांच की जा रही प्रमुख चिंताओं में से एक है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) कथित तौर पर Quant Mutual Fund की फ्रंट-रनिंग के लिए जांच कर रहा है। यह जांच बाजार की अखंडता सुनिश्चित करने और निवेशकों की सुरक्षा के लिए सेबी के चल रहे प्रयासों का हिस्सा हैं।
क्वांट म्यूचुअल फंड के ठिकानों पर छापेमारी
रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड SEBI ने मुंबई और हैदराबाद इन दो जगहों पर तलाशी और जब्ती का अभियान चलाया था तथा 21 जून शुक्रवार को इस मामले में क्वांट डीलर्स और मामले से जुड़े लोगों से पूछताछ भी की गई थी। फ्रंट-रनिंग एक अवैध प्रथा है, जिसमें फंड मैनेजर या डीलर या ब्रोकर, जो आगामी बड़े ट्रेडों के बारे में जानते हैं, बड़े ट्रेड के निष्पादित होने पर अनुमानित मूल्य आंदोलन से लाभ कमाने के लिए पहले से ही अपना ऑर्डर दे देते हैं इसी तरह के मामले में SEBI ने क्वांट म्यूचुअल फंड (Quant Mutual Fund) के ठिकानों पर छापेमारी की हैं।
2017 में मिला था लाइसेंस
सूत्रों के अनुसार, Quant Mutual Fund को साल 2017 में सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया अर्थात SEBI से लाइसेंस मिला था। यह फंड देश का काफी तेजी से बढ़ने वाला म्यूचुअल फंड रहा है। इस कंपनी ने जनवरी 2019 में 26 योजनाओं और 54 लाख फोलियो के साथ 50,000 करोड़ रुपये की संपत्ति को पार कर लिया था तथा अभी इस फंड हाउस की एसेट्स 90 हजार करोड़ रुपये है व साल 2019 में यह करीब 100 करोड़ रुपये थी जिसमें इसके पोर्टफोलियो में 26 स्कीम और 54 लाख पोर्टफोलियो शामिल थे। अब इस मामले में फंड हाउस ने निवेशकों को बयान जारी किया हैं।
निवेशकों पर पड़ सकता है प्रभाव
इस जांच से निवेशकों को पर काफी प्रभाव पड़ सकता है जिससे फंड हाउसेज की साख को धक्का लगेगा लेकिन अभी किसी तरह का कोई फैसला नहीं होने के कारण किसी भी ‘गड़बड़ी’ का असर ओवरऑल म्यूचुअल फंड और SIP सेगमेंट पर दिख सकता है। वैसे भी पिछले कुछ समय में रिकॉर्ड संख्या में लोगों ने SIP बंद की है। इस तरह के घटनाक्रम से वह सिलसिला और जोर पकड़ सकता है जिससे निवेशकों को भारी नुकसान का भी सामना करना पड़ सकता हैं।
म्यूचुअल फंड की साख घटेगी
हालांकि अगर सेबी फंड हाउस के खिलाफ कोई सख्त कदम उठाता है, तो इससे म्यूचुअल फंड की साख घटेगी व इस सूरत में निवेशक म्यूचुअल फंड और SIP में निवेश कम या फिर बंद कर सकते है। पिछले कुछ साल में म्यूचुअल फंड में निवेश जबरदस्त तरीके से बढ़ा है। इसकी बड़ी वजह मशहूर हस्तियों के जरिए इसका प्रमोशन है, जिससे लोगों का म्यूचुअल फंड पर भरोसा बढ़ा था साथ ही देश के बहुत सारे लोगों ने इस पर निवेश किया हैं।