इस वर्ष पंचांग के अनुसार श्रावण माह की शुरुआत 22 जुलाई 2024 से हो रही है और आखिरी सोमवार 19 अगस्त को पड़ेगा।

सावन सोमवार के दिन प्रातः जल्दी उठ स्नान कर व्रत का संकल्प करें, साथ ही महामृत्युञ्जय मन्त्र का जाप करें। 

घर की शुद्धी के लिए हर कोनों में गंगाजल का छिड़काव करें। पूजा करने का समय सुबह 05 बजकर 37 मिनट रहेगा।

पूजा की मुख्य सामग्री शंकर जी की फोटो, पार्वती माता का शृंगार, पूजा के बर्तन, शिव चालीसा, शिव आरती किताब, हवन सामग्रीयां हैं।

महादेव जी का अभिषेक समग्री - बेलपत्र, शहद, घी, गंगाजल, दूध-दही, फल, पुष्प, चंदन, केसर, अक्षत, इत्र, लौंग, इलायची, मौली, रक्षा सूत्र, भस्म, भांग, धतूरा, कुशासन, वस्त्र, जनेऊ,धूप, दीप, कपूर हैं।

भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगें, इसका विशेष ध्यान रखें। जिससे शिव जी प्रसन्न होंगे और आप की मनोकामना सम्पूर्ण होगी। 

शिव जी में शंख से जल अर्पित न करें और ना ही केवड़े और केतकी का पुष्प अर्पित करें।

शिव जी में तुलसी दल कभी नहीं चढ़ता इस बात का विशेष ध्यान रखे की इस पूजा सामग्री में तुलसी का प्रयोग ना हो।

महादेव की पूजा पर भूलकर भी हल्दी का प्रयोग ना करें क्योंकि इससे भगवान शिव नाराज हो सकते हैं। 

नारियल में श्रीफल होता है, जिसमें माँ लक्ष्मी जी का वास होता है। इसके कारण भोलेनाथ पर नारियल का पानी भी नहीं चढ़ाया जाता हैं। 

अपने गार्डन को पत्तियों से उगने वाले पौधों से सजाएँ