वीर शिवाजी के ज्येष्ठ पुत्र छत्रपति संभाजी महाराज का जन्म 14 मई, 1657 को तत्कालीन महाराष्ट्र के पुरन्दर किले में हुआ।

छोटी उम्र में माता सईबाई के गुजर जाने के बाद उन्हें  दादी जीजाबाई ने लालन-पालन कर बड़ा किया।

उन्होंने मराठी और संस्कृत सहित कई अन्य भाषाओं में प्रवीणता हासिल की एवं पिता के सम्मान में संस्कृत भाषा में बुधाचरित्र की रचना की।

शिवाजी ने किसी कारणवश संभाजी को  कारावास में डलवा दिया जहां से वह भाग निकलने में कामयाब हुए, इसके बाद वह मुगलों से जा मिले।

मुगल सरदारों ने 700 मराठी सैनिकों के हाथ-पैर काट दिए, जिससे संभाजी आग बबूला हो गए और सेनापति दिलेरखान को चकमा देकर भाग निकले।

 पन्हाला किले पर छत्रपति शिवाजी से मुलाकात के बाद पहले दिन जब संभाजी दरबार में जाने लगे तो छत्रपति ने स्वयं उन्हें तैयार किया।

संभाजी का विवाह येसूबाई से हुआ और इनके पुत्र का नाम छत्रपति साहू था। संभाजी ने अपने शासन में 210 युद्ध किये पर एक भी नहीं हारे।

3 अप्रैल 1680 को शिवाजी की मृत्यु हो गई। संभाजी राजा बने और कवि कलश को अपना सलाहकार नियुक्त किया।

 औरंगजेब ने अपने पुत्र शाहजादे आजम से संभाजी के खिलाफ मोर्चा खुलवाया  लेकिन बार बार आजम को हार का सामना करना पड़ा।

15 फरवरी 1689 में संभाजी को धोखे से घेर कर पकड़ लिया गया, संभाजी ने नजर से नजर मिला कर औरंगजेब का घमंड तोड़ दिया।

11 मार्च 1689 में संभाजी वीरगति को प्राप्त हुए, औरंगजेब ने छल से संभाजी को पकड़ तो लिया, लेकिन वह चाहकर भी उन्हें पराजित नहीं कर सका।

मराठा सम्राट छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन  पर आधारित एक आगामी हिन्दी भाषा फिल्म "छावा" का टीज़र हुआ जारी