वरिष्ठ वामपंथी नेता और CPM महासचिव सीताराम येचुरी का 12 सितंबर, गुरुवार दोपहर निधन हो गया।

वे 72 वर्ष के थे और दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में सांस संबंधी बीमारी का इलाज करा रहे थे।

CPM नेता सीताराम येचुरी को 19 अगस्त को एम्स के आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया गया।

भर्ती कराने के बाद में ICU में स्थानांतरित कर दिया गया था जिसके बाद गुरुवार को उनकी मृत्यु हो गई।

72 वर्षीय येचुरी बहुत समय से लंबी बीमारियों से ग्रसित थे, उन्हें दिल्ली के AIIMS के गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती कराया गया था।

 चिकित्सा कक्ष में तीव्र श्वशन पथ संक्रमण के लिए उनका इलाज किया जा रहा था व श्री येचुरी की हाल ही में मोतियाबिंद की सर्जरी भी हुई थी।

12 अगस्त, 1952 को चेन्नई में जन्मे सीताराम येचुरी भारतीय राजनीति में एक प्रमुख व्यक्ति थे, वे 2015 से CPI(M) के महासचिव के रूप में कार्यरत थे।

येचुरी ने दिवंगत पार्टी नेता हरकिशन सिंह सुरजीत के मार्गदर्शन में काम सीखा था, जिन्होंने गठबंधन युग की सरकार में प्रमुख भूमिका निभाई थी

पहले वी.पी. सिंह की राष्ट्रीय मोर्चा सरकार के दौरान और फिर 1996-97 की संयुक्त मोर्चा सरकार के दौरान, दोनों ही सरकारों को CPI(M) ने बाहर से समर्थन दिया था।

अपने पूरे करियर के दौरान, येचुरी अपनी विनम्रता, व्यक्तिगत ईमानदारी और बिना किसी कटुता के राजनीतिक चर्चा में शामिल होने की क्षमता के लिए जाने जाते थे।

क्या सच मे दिल्ली में लग सकता है राष्ट्रपति शासन?