किचन का अब बजट असंतुलन या बिगड़ सकता है क्योंकि खाने में प्रयोग होने वाले तेल मे भी कस्टम ड्यूटी लग रही है।

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कच्चे पाम और रिफाइंड सूरजमूखी तेल पर सीमा शुल्क बढ़ाकर क्रमश: 20 प्रतिशत और 32.5 प्रतिशत कर दिया है।

कच्चे पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी बीज के तेल पर मूल सीमा शुल्क शून्य से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है।

रिफाइंड पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर मूल सीमा शुल्क 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 32.5 प्रतिशत कर दिया गया है।

सरकार के इस फैसले पर केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने उम्मीद जताई है कि इससे किसानों को काफी लाभ होगा क्योंकि इससे उनकी आय बढ़ेगी।

यह भी संभव है न्यूनतम निर्यात मूल्य हटाने और प्याज पर निर्यात शुल्क में कटौती के फैसले से देश के किसानों को भी मदद मिलेगी।

महाराष्ट्र और  मध्यप्रदेश के किसानों को इससे बहुत लाभ होगा क्योंकि इन तिलहनों का उत्पादन यहां बहुत अधिक होता है।

मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के अलावा अन्य प्रमुख तिलहन उत्पादक राज्य गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु हैं

भारत अपनी वनस्पति तेल की 70 फीसदी से अधिक मांग आयात के माध्यम से पूरी करता है।

पिछले करीब दो वर्षों से लगातार गिर रहीं खाद्य तेल की घरेलू कीमतों पर नियंत्रण रखने के लिए इस नीति को प्रभावी माना जा सकता है।

जानिए क्या होता है यह लार्ड ? जिसका प्रयोग तिरुपति मंदिर के लड्डू मे किया जा रहा है।