कर्ज में डूबी अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) को बड़ी राहत मिली है।

नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के महाराष्‍ट्र राज्य कर विभाग ने RCom पर बकाया चुकाने की याचिका को खारिज कर दिया है।

रिलायंस कम्युनिकेशंस के खिलाफ कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया 22 जून वर्ष 2019 को शुरू की गई थी।

NCLAT की दो सदस्यीय पीठ ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मुंबई बेंच के पहले के आदेश को बरकरार रखा। NCLT ने राज्य कर विभाग के 6.10 करोड़ रुपये के दूसरे दावे को खारिज कर दिया था।

NCLAT ने अपने फैसले में कहा कि यह याचिका दिवालिया कार्यवाही शुरू होने के बाद के आकलन पर आधारित थी। इसलिए इसे खारिज किया जाता है।

राज्य कर विभाग ने दो मांग की थी जिसमे पहला था 24 जुलाई वर्ष 2019  को जिसे 94.97 लाख रुपय के लिए दायर किया गया था।

वहीं दूसरी मांग 15 नवंबर वर्ष 2021 को 6.10 करोड़ के लिए भेजी गई थी जो 30 अगस्त 2021 के मूल्यांकन आदेश से जन्मी थी।

RCom के लेनदारों की समिति (CoC) ने 2 मार्च, 2020 को इस योजना को मंजूरी दे दी थी और बाद में राज्य कर विभाग ने 15 नवंबर, 2021 को दावा दायर किया था।

राज्य कर विभाग ने इस आदेश को NCLAT में चुनौती दी थी। उनका तर्क था कि NCLT को पूरा दावा स्वीकार करना चाहिए था।

NCLAT ने कहा कि NCLT के इस विचार को बरकरार रख के दूसरे दावे को दर्ज करने में देरी को माफ नहीं किया जा सकता है।

जानिए खाने में उपयोग होने वाले तेलों मे कितनी बड़ी कस्टम ड्यूटी?