Akhilesh Yadav: जानें किस बयान के चलते जेडीयू पार्टी के निशाने पे आए अखिलेश यादव

Akhilesh Yadav
Akhilesh Yadav, image via: social media

Akhilesh Yadav: आज-कल विवादों में फसना हर किसी नेता के लिये एक आम बात हो चुकी है लेकिन यह विवाद कितना ज्यादा बढ़ जाएगा यह उनके बयानों पर निर्भर होता है। ऐसा ही कुछ वाक्या समाजवादी पार्टी के नेता Akhilesh Yadav के साथ हुआ है जिसमें वे अपने बयान में कुछ इस तरह फस गए हैं की उन्हे शायद ही निकलने का मौका मिलेगा। ये मामला सिर्फ समाजवादी पार्टी का ही नहीं बल्कि जेडीयू का भी है। अखिलेश यादव ने अपने बयानों में कुछ ऐसा कह डाला जिसके चलते वो जेडीयू पार्टी के निशाने में आ गए हैं। आइए इस पूरे मामले को समझें।

Akhilesh Yadav को JPNIC जाने से रोका गया

दरअसल समाजवादी पार्टी के नेता Akhilesh Yadav को JPNIC (Jai Prakash Narayan International Centre ) जाने से रोक दिया गया था जिसके चलते उन्होंने अपने आवास के बाहर जीप पर रखी जेपी की प्रतिमा पर माल्‍यार्पण किया। इस मौके पर सैकड़ों सपा कार्यकर्ता नारेबाजी करते रहे। वरिष्‍ठ समाजवादी नेता जेपी नारायण की जयंती पर यूपी का राजनीतिक पारा चढ़ा रहा। मौका देख कर उन्होंने अपनी राजनैतिक रोटी सेकनी चाही, लेकिन उनका यह दाव उन पर ही भारी पड़ गया।

अखिलेश यादव ने की नीतीश कुमार से अपील

Akhilesh Yadav ने मौका देखते हुए बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार से अपील की है कि वे नरेंद्र मोदी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लें। अखिलेश ने कहा कि ‘नीतीश कुमार भी जेपी आंदोलन से निकले हैं। वो यह देखें कि कैसे बीजेपी सरकार जेपी को श्रद्धाजंलि नहीं देने दे रही है।’ इस सब से यह नतीजा निकलता है और यह कहा भी जा सकता है की यूपी की राजधानी में जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (JPNIC) में सपा मुखिया अखिलेश यादव को जेपी को श्रंद्धाजलि देने से रोके जाने पर अब राजनीति तेज हो गई हैं।

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बयान पर JDU की प्रतिक्रिया आई सामने

अपने ऊपर हुए इस अपमान का कटाक्ष करते हुए और सियासी रोटी सेकते हुए समाजवादी पार्टी नेता Akhilesh Yadav ने घटना के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील की कि वह केंद्र की मोदी सरकार से अपना समर्थन वापस ले ले। अखिलेश ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि नीतीश कुमार की जड़ें जयप्रकाश नारायण आंदोलन से जुड़ी थीं। वहीं, अखिलेश यादव के इस बयान पर JDU की प्रतिक्रिया सामने आई है। पार्टी के प्रवक्ता राजीव रंजन ने जेपी को लेकर सियासत न करने की सलाह दी है। उनके इस तरह के भड़काऊ बयान पर सभी जेडीयू पार्टी और उनके समर्थन पार्टी गुस्से में तमतमाए हुए नज़र आ रहे हैं।

प्रतिशोध पड़ा महंगा

सभी के मन में यही बात चल रही है की आखिर Akhilesh Yadav को जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (JPNIC) में जाने और श्रंद्धाजलि देने से क्यों रोक गया तो बता दें की पिछली बार की तरह समाजवादी के लोग कहीं भी ‘जय प्रकाश नारायण जी’ की जयंती पर उनके मूर्तिपूजक को अपमानित करना नहीं छोड़ते थे, इसलिए उन्हें रोकने के लिए हमारे निजी आवास के आसपास बैरिकेडिंग कर दी गई है। अब यह बात उन्हे खल गई और उन्होंने प्रतिशोध लेने के उद्देश्य से यह बयान दे दिया लेकिन उनका यह प्रतिशोध उन्हे ही महंगा पड़ गया।

निर्माण कार्य का हवाला देकर सपा को रोका

जनकारियों के अनुसार, लखनऊ विकास प्राधिकरण ने JPNIC (जेपी सेंटर) में चल रहे निर्माण कार्य का हवाला देकर सपा को जेपी जयंती पर वहां श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित करने की इजाजत नहीं दी है। ऐसे ही बवाल के चलते पिछले बार Akhilesh Yadav जेपी सेंटर की गेट फांदकर अंदर गए थे और उन्होंने वही से जेपी की प्रतिमा पर फूल चढ़ाया था। अखिलेश यादव गुरुवार की रात ही जेपी सेंटर पहुंच गए थे और वहां से फोटो और वीडियो जारी कर दिखाया था कि प्रशासन ने उन्हें रोकने के लिए जेपी सेंटर पर टीन दीवार खड़ी कर दी है।

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अखिलेश पर प्रभावपूर्ण किया कटाक्ष

समाजवादी प्रमुख नेता ने बुधवार को ट्वीट कर अपने साथ हुए इस नाइंसाफ को बताया और कहा की ‘हमे श्रद्धांजलि के कार्यक्रम में जाने और श्रद्धांजलि देने से रोका गया है तथा किसी को नमन करने या श्रद्धांजलि देने से रोकना सुसभ्य लोगों की निशानी नहीं है।’ अखिलेश के आवास से लेकर सपा के कार्यालय तक जबरदस्त पुलिस का बंदोंबस्त था। उनके इस तरह के बयान पर भड़के हुए जेडीयू नेता और कार्यकर्ताओ ने जमकर बयान बाज़ी की जिसमे उन्होंने अखिलेश पर प्रभावपूर्ण कटाक्ष किए।

जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा

Akhilesh Yadav के बयान पर पलटवार करते हुये जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा,”अखिलेश को गठबंधन तोड़ने की सलाह देने के बजाए खुद आत्ममंथन करना चाहिए अखिलेश यादव ने जेपी के जीवन मूल्यों को किस हद तक अपनाया है? उन्होंने आगे लोकतंत्र की बात छेड़ते हुए कहा की जय प्रकाश लोकतंत्र की बात करते थे अखिलेश यादव के यहां सिर्फ आंतरिक लोकतंत्र है। विधानसभा, लोकसभा, राज्यसभा समेत सभी मुख्य पदों पर अपने परिवार के लोगों को बैठा रखा है। नीतीश कुमार जेपी के सच्चे सिपाही हैं और बिहार में समन्वय के साथ गठबंधन चल रहा हैं।”

राजीव रंजन ने कहा कि “जेपी ने संपूर्ण क्रांति की अवधारणा के लिए संघर्ष किया और वंशवाद की राजनीति तथा परिवारवाद के प्रभुत्व का विरोध करते हुए व्यवस्था में बदलाव का आह्वान किया। यदि अखिलेश यादव ने उन मूल्यों को थोड़ी सी भी प्राथमिकता दी होती तो समाजवादी पार्टी पूरी तरह से एक परिवार के नियंत्रण में नहीं होती। इसके साथ ही उन्होंने साफ तौर पर कह दिया है कि NDA अटूट है और आगे भी अटूट रहेगा।” दरअसल, अखिलेश ने कहा था कि ‘बहुत सारे लोग, समाजवादी लोग सरकार में हैं जो सरकार को चला रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री जी भी है समय-समय पर, जननायक जयप्रकाश जी उनके बारे में, उन्हीं के आंदोलन से वो निकले हैं।’

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Rohini Thakur

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