Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत जिसमें उन्हे शराब घोटाला मामले में 156 दिनों बाद बेल मिल गई है। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal को कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया। केजरीवाल को जमानत मिलने से आप पार्टी के कार्यकर्ता बहुत खुश हैं। आप कार्यकर्ता अपने सोशल अकाउंट पर लिख रहे हैं कि आखिरकार AAP और केजरीवाल की ही जीत हुई।
आम आदमी पार्टी को मिली बड़ी राहत
आम आदमी पार्टी को एक बड़ी राहत मिली है तथा Arvind Kejriwal की इस रिहाई से आप पार्टी में जश्न का मौहल उत्पन्न हुआ है। दिल्ली मुख्यमंत्री केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने मिठाई बाटकर अपनी इस खुशी को जाहीर किया है। बता दें की तिहाड़ जेल से मुख्यमंत्री गेट नंबर 4 सें निकले तथा तिहाड़ के बाहर उन्हें ले जाने के लिए आप पार्टी के बहुत से कार्यकर्ता व पार्टी प्रमुख पहुचे हुए थे।
मनाया गया जश्न बटी मिठाइयाँ
मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज और आतिशी सहित आप नेताओं ने सीएम Arvind Kejriwal को सुप्रीम कोर्ट द्वारा ज़मानत दिए जाने पर जश्न मनाया और मिठाई बांटी। CBI द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी अलग याचिका को खारिज करते हुए, दो न्यायाधीशों की पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने सीएम केजरीवाल को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया, लेकिन अदालत में लंबित मुकदमे के दौरान उन्हें “मामले के गुण-दोष पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी” करने से रोक दिया।
यह भी पढें: विपक्षी नेता बनने के बाद राहुल गांधी का पहला विदेशी दौरा, वहाँ मिलेंगे इन लोगों से
क्या कहा मनीष सिसोदिया ने?
मनीष सिसोदिया ने कहा कि “झूंठ और साजिशों के खिलाफ लड़ाई में आज पुनः सत्य की जीत हुई है। एक बार पुनः नमन करता हूं बाबा साहेब अंबेडकर जी की सोच और दूरदर्शिता को, जिन्होंने 75 साल पहले ही आम आदमी को किसी भावी तानाशाह के मुकाबले मजबूत कर दिया था। ये एक बार फिर साबित हो गया है कि Arvind Kejriwal जैसा सच्चा, ईमानदार, देशभक्त नेता इस देश में नहीं है। जिनको गिरफ्तार करने के लिए भाजपा ने हज़ारों तरह की साजिश रची। उन्हें जेल में डाला। आज सुप्रीम कोर्ट का हम धन्यवाद करते हैं जिनके कारण आज सच्चाई की जीत हुई है और झूठ का पर्दाफाश हुआ है।”
किन शर्तों के साथ किया गया Arvind Kejriwal को रिहा?
दिल्ली के सीएम Arvind Kejriwal पर सुप्रीम कोर्ट ने वही शर्तें लगाई हैं, जो उन्हें ईडी के केस में बेल के दौरान मिली थीं।
- केजरीवाल दिल्ली शराब नीति से जुड़े मामले में अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
- दिल्ली मुख्यमंत्री केस की मेरिट पर कोई बयानबाजी नहीं करेंगे।
- केजरिवल NCCSA की बैठक भी नहीं कर पाएंगे।
- उन्हे दफ्तर जाने, सरकारी काम करने, केस पर टिप्पणी करने पर रोक है।
- वह किसी भी गवाह से बातचीत नहीं करेंगे या मामले से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक पहुंच नहीं रखेंगे।
यह भी पढें: मलाइका के पिता ने 7वीं मंजिल से कूदकर दी जान, पूर्व पति और पूर्व बॉयफ्रेंड के साथ पहुँची और भी हस्तियाँ
क्या कहा जस्टिस भुइयां ने?
जमानत के सवाल पर दो न्यायधीशों ने एकमत जवाब दिया, लेकिन न्यायधीश उज्जल भुइयां ने अपने आदेश में CBI द्वारा Arvind Kejriwal की गिरफ्तारी के समय पर सवाल उठाया। जस्टिस भुइयां ने कहा, “CBI देश की एक प्रमुख जांच एजेंसी है। यह जनहित में है कि सीबीआई न केवल ईमानदार हो, बल्कि ऐसा दिखना भी चाहिए। कुछ समय पहले ही इस अदालत ने CBI की आलोचना करते हुए इसकी तुलना पिंजरे में बंद तोते से की थी। यह जरूरी है कि CBI पिंजरे में बंद तोते की धारणा को खत्म करे। बल्कि, धारणा को पिंजरे से बाहर बंद तोते की तरह बनाया जाना चाहिए।”
पीठ ने फ़ैसला सुनाते हुए CBI कि की खिंचाई
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुयान की पीठ ने फ़ैसला सुनाते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो की खिंचाई की और कहा कि “लंबे समय तक जेल में रखना स्वतंत्रता से अन्यायपूर्ण वंचना है” और शीर्ष अदालत ने कहा कि “केजरीवाल को PMLA मामले में जमानत मिलने के बाद ही गिरफ्तार किया गया और ऐसा केवल उन्हें हिरासत में रखने के लिए किया गया।”
यह भी पढें: कैमरे को सीधा करने के अलावा भी बहुत से नए फीचर्स के साथ एप्पल ने लोगों को दिया तोहफा