Bharat Band: जानें क्यों किया गया था 21अगस्त को भारत बंद? SDM को क्यों पड़ी लाठी?

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Bharat Band: 21 अगस्त को सभी जगह एक ही बात सुनाई दे रही थी की “भारत बंद”। लेकिन कुछ लोगों को यह नहीं पता की यह भारत बंद की बात क्यों किया गया था व इस भारत बंद या हड़ताल का कारण क्या था? तो आपको बता दे की 21 अगस्त ST/SC आरक्षण पर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में “भारत बंद” के नाम से एक राष्ट्रव्यापी हड़ताल की गई थी।

SDM को क्यों पड़ी लाठी?

मामला पटना के डाक बंगला चौराहे का है जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें पुलिस और सुरक्षा बल लोगों पर लाठीचार्ज करते नजर आ रहे हैं जो Bharat Band का समर्थन करने सड़कों पर उतरे थे। जब पुलिस लोगों पर लाठीचार्ज करते हुए भीड़ को इधर-उधर कर रही थी तभी एक पुलिसकर्मी ने SDM को ही गलती से लाठी मार दी जब वहीं मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों ने यह देखा तो उन्होंने उस पुलिसकर्मी को समझाया की उसने SDM को लाठी मार दी है।

क्यों किया गाया Bharat Band का ऐलान?

21 अगस्त को सम्पूर्ण भारत को बंद करने का निर्णय लिया गया था। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के उस निर्णय के खिलाफ लिया गया था, जिसमें कोर्ट की ओर से SC और ST श्रेणी में क्रीमिलेयर को आरक्षण देने का निर्णय लिया गया है। कोर्ट ने कहा है कि जिन लोगों को इसकी आवश्यकता है, उन्हें आरक्षण मिलना चाहिए।

ऐसे में इस फैसले के खिलाफ आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति की ओर से इस निर्णय का विरोध किया जा रहा था और पूरे Bharat Band का ऐलान किया गया था। साथ ही भारत बंद का समर्थन राजनीतिक पार्टी बसपा की ओर से भी किया गया था।

आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने इस विरोध प्रदर्शन का किया आह्वान

बुधवार की यह हड़ताल आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने इस विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था, जिसे मुख्य रूप से राजस्थान के ST/SC समूहों का समर्थन प्राप्त है। दलित और आदिवासी संगठनों ने हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर 21 अगस्त को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया गया था।

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कहाँ कहाँ दिखा असर?

बुधवार 21 अगस्त को 14 घंटे का Bharat Band बुलाया गया था। झारखंड, राजस्थान और बिहार में भारत बंद का अच्छा असर दिखा, लेकिन बाकी राज्यों में इसका कोई खास असर नहीं था। ‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स’ (NACDAOR) ने मांगों की एक सूची जारी की है जिसमें अनुसूचित जातियों (SC), अनुसूचित जनजातियों (ST) और अन्य पिछड़े वर्गों (OBC) के लिए न्याय और समानता की मांग शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ, जिसे ऐतिहासिक इंदिरा साहनी मामले में, लिए गए कोर्ट के निर्णय के खिलाफ यह हड़ताल 21 अगसत के सुबह 6 बजे से रात के 8 बजे तक रखी गई। इस हड़ताल में मेडिकल सेवाओं, पुलिस और फायर सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी प्रकार की सुविधाये बंद रखने का निर्णय लिया गया था। दलित संगठनों ने आम लोगों के लिए एडवाइजरी जारी करके अपील कर यह सूचना जारी थी तथा उनका सहयोग करने की मांग की थी।

क्या है कोर्ट का फैसला? 

दरअसल इस Bharat Band का कारण कोर्ट का फैसला है जिसमे सुप्रीम कोर्ट ने SC-ST आरक्षण में क्रीमीलेयर को लेकर फैसला सुनाते हुए कहा था की “‘सभी एससी और एसटी जातियां और जनजातियां एक समान वर्ग नहीं हैं। कुछ जातियां अधिक पिछड़ी हो सकती हैं। उदाहरण के लिए – सीवर की सफाई और बुनकर का काम करने वाले। ये दोनों जातियां एससी में आती हैं, लेकिन इस जाति के लोग बाकियों से अधिक पिछड़े रहते हैं।”

कोर्ट ने अपने फैसले में आगे कहा की “इन लोगों के उत्थान के लिए राज्‍य सरकारें एससी-एसटी आरक्षण का वर्गीकरण (सब-क्लासिफिकेशन) कर अलग से कोटा निर्धारित कर सकती है। ऐसा करना संविधान के आर्टिकल-341 के खिलाफ नहीं है।” सुप्रीम कोर्ट ने कोटे में कोटा निर्धारित करने के फैसले के साथ ही राज्यों को जरूरी हिदायत भी दी जिसके साथ ही कहा कि “राज्य सरकारें मनमर्जी से यह फैसला नहीं कर सकतीं। इसमें भी दो शर्त लागू होंगी।”

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Rohini Thakur

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