Bodies found after 56 years: 1968 को भारतीय वायुसेना का विमान हुआ था दुर्घटनाग्रस्त, 56 साल बाद मिले 4 सैनिकों के शव

Bodies found after 56 years: भारत माता की रक्षा के लिए कसम खाने वाले वीर भारतीय सैनिकों को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। वह भारत माँ की सेवा के लिए अपने प्राण की आहुति भी देते हैं। भारत में 56 साल पहले जवानों के साथ हुए हादसे में एक नया अपडेट समाने आया जिसमें 4 सैनिकों के शव मिले है। कई सालों तक उनकी कोई खबर नहीं थी जिसके बाद उनके अवशेष मिल गए हैं। इस खबर के बाद उन 4 सैनिकों के परिवारों को कुछ राहत मिली है। इन जवानों की खोज 29 सितंबर 2024 को चन्द्रभागा-13 ढाका ग्लेशियर में अवशेष बरामद किए गए।

समय-समय पर चलाए गए थे विशेष अभियान

दरअसल हिमाचल प्रदेश में लाहौल स्पीति की चंद्रभागा रैंज में 7 फरवरी 1968 को भारतीय वायुसेना का 102 लोगो से भरा विमान चंडीगढ़ से लेह के लिए उड़ान भरते समय रोहतांग दर्रे के पास खराब मौसम के कारण से दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे से सभी सैनिकों की मृत्यु हो गई थी। इस विमान के खोज के लिए कई प्रयास किए गए थे और विशेष अभियान समय-समय में 2004, 2007, 2013, 2019 में चलाए गए थे।

Bodies found after 56 years: किसके द्वारा की गई शव की खोज?

56 साल बाद मिले 4 सैनिकों के शव की पहचान के बारें में बताया जाए तो उनमें से मलखान सिंह (सहारनपुर), नारायण सिंह (पौड़ी-गढवाल) और मुंशी राम (रेवाड़ी) और थॉमस चैरियन (केरल) है। इन शहीदों के शव के अवशेषों को काजा के लोसर हेलिपेड से चंडीगढ़ भेजा गया है। इन जवानों के शव की खोज को रेस्क्यू टीम द्वारा किया गया है और सेना के अधिकारियों के अनुसार यह रेस्क्यू टीम भारतीय थलसेना के ‘डोगरा स्काउट्स’ और ‘तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू’ के टीम ने खोज की है।

खोज अभियान 10 अक्टूबर तक रहेगा जारी

‘डोगरा स्काउट्स’ ने कई अभियानों के द्वारा 2005, 2006, 2013 और 2019 शहीदों के सर्च ऑपरेशन चलाए, कठिन परिस्थिति और खराब मौसम के चलते सर्च ऑपरेशन को कायम रखा और घटनास्थल से केवल पांच शव बरामद किए गए थे। अब चंद्रभागा पर्वत अभियान द्वारा 4 शाहिद जवानों का अवशेष प्राप्त किए गए हैं जिनमें सभी शहीदों के शवों की कुल संख्या 9 हो गई है। यह अभियान के तहत शहीदों की खोज अभियान 10 अक्टूबर तक जारी रहेगी।

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पहुँचने में लगते हैं 2 दिन

सर्च ऑपरेशन करना वाकई बहुत मुश्किल का काम है और एक ट्रैकर का कहना है कि वर्ष 2023 में जब ढाका ग्लेशियर ट्रैक किया गया था तब विमान का मलबा और कुछ सैनिकों के अवशेष मिले थे जिसमें उनके फोटो और वीडियो लिए गए थे। गर्मियों में ट्रेकिंग करना काफी आसान होता है लेकिन वहाँ पहुचना आसान नहीं होता है। ट्रैकर के अनुसार वहाँ तक पहुँचने के पूरे 2 दिन लग जाते हैं। 

शव कि की गई पहचान

शहीद 22 वर्षीय थॉमस चैरियन (केरल) अन्य सैनिकों की तरह उसी विमान में थे उनके शव की पहचान होने के बाद उनके परिवार को 30 सितंबर 2024 को सूचना दी गई। थॉमस चैरियन के परिवार को पूरी उम्मीद थी की वह जरूर लौटेंगे उनके छोटे भाई थॉमस वर्गीस 56 वर्षों तक इसी उम्मीद में थे। थॉमस चैरियन के अलावा केरल से उस विमान में कोट्टायम के केपी पनिकर, केके राजपन और आर्मी सर्विस कोर के एस भास्करन पिल्लई भी शामिल थे।

ऐसे की गई शव की पहचान

शहीद नारायण सिंह का परिवार चमोली जिले के कोलपूडी गांव में है और नारायण सिंह के शव की सुचना उनके भतीजे जयवीर सिंह को दी गई है। सैनिक नारायण सिंह की पहचान वर्दी के नेम प्लेट के द्वारा की गई है। भतीजे जयवीर सिंह के अनुसार शाहिद नारायण सिंह का पार्थिव शरीर गांव में गुरुवार तक पहुंचेगा। इसके बाद ही उनका अंतिम संस्कार सम्मान के साथ किया जाएगा।

56 वर्षों के बाद शव पहुचेगा गाँव

शाहिद मलखान सिंह (सहारनपुर) नानौता थाने के ग्राम फतेहपुर निवासी थे, उनके परिवार वालों को उनके शव की जानकारी दी गई है और उनके परिवार में  गौतम और मनीष हैं। 56 वर्षों के बाद शाहिद मलखान सिंह का शव अपने गाँव आएगा जिससे उनके पोते दादा जी के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार कर पाएंगे। 2 अक्टूबर या 3 अक्टूबर को उनका पार्थिव शरीर फतेहपुर गांव पहुंचेगा।

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Poranika Singh

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