Brahmos Missile: एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में सोमवार 3 जून को ब्रह्मोस एयरोस्पेस के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल को आजीवन कारावास की सजा नागपुर की एक अदालत ने सुनाई है। अग्रवाल पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने का आरोप हैं। बताया जा रहा है की निशांत अग्रवाल को वर्ष 2018 में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को Brahmos Missile के बारे में जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद आज नागपुर की जिला अदालत ने निशांत अग्रवाल को उम्रकैद की सजा सुनायी।
क्या है मामला?
वर्ष 2018 में ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के नागपुर स्थित मिसाइल सेंटर के टेक्निकल रिसर्च सेंटर में काम करने के दौरान निशांत अग्रवाल को मिलिट्री इटेलिजेंस और यूपी-महाराष्ट्र की एटीएस ने जॉइंट ऑपरेशन में गिरफ्तार किया था जिसके बाद आज नागपुर की जिला अदालत ने शासकीय गोपनीयता अधिनियम (ओएसए) के तहत ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व अभियंता निशांत अग्रवाल को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने और गोपनीय जानकारी देने का दोषी ठहराते हुए सोमवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत के आदेश के मुताबिक अग्रवाल को 14 साल तक सश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी और उसपर तीन हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता: Brahmos Missile
जांच से पता चला कि अग्रवाल ने भारत के रक्षा शस्त्रागार के एक महत्वपूर्ण घटक Brahmos Missile के बारे में गोपनीय जानकारी आईएसआई एजेंटों को लीक की थी। महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) और सैन्य खुफिया विभाग के समन्वित प्रयास के बाद अधिकारियों ने अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। उनकी उसके डिजिटल संचार और सोशल मीडिया इंटरैक्शन की सावधानीपूर्वक जांच करके, जांचकर्ताओं ने उसकी गतिविधियों का पता लगाया। यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने के गंभीर परिणामों को रेखांकित करता है।
दी गई उम्र कैद की सजा
रिपोर्ट्स के अनुसार, Brahmos Missile की गोपनीय जानकारी लीक करने का गुन्हा साबित होने के पश्चात निशांत पर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (OSA) की धारा 3 (किसी रहस्य के अनधिकृत संचार से संबंधित) और धारा 5 (राष्ट्रीय सुरक्षा के संभावित उल्लंघनों से संबंधित, अनुभाग शत्रु राज्य की मदद हेतु जानकारी साझा करना) के तहत मुकदमा चलाया गया है तथा इसके अतिरिक्त निशांत पर उम्र कैद की सजा तथा साथ ही 3000 रुपया का जुर्माना भी लगाया गया है।