Brain Eating Amoeba: केरल से आनी वाली खबर ऐसी खबर है जिससे आपको एक बड़ा झटका लग सकता है, जिसमें एक अमीबा ने अभी तक तीन लोगों की जान ले ली है, इस बार इस अमीबा ने जिसकी जान ली है वह महज 14 साल का बच्चा है। इस 14 वर्षीय लड़के की जान जाने का जिम्मेदार एक अमीबा ही है जो इस बच्चे के शरीर से गुजरकर सीधे इसके मस्तिष्क पर गया और उसे खा लिया (Brain Eating Amoeba)। अब आप अभी यह कहंगे की ऐसा थोड़ी ना होता है, कोई अमीबा कैसे किसी के मस्तिष्क को खा सकता है? तो आइए जानते है पूरे मामले को।
स्वास्थ्य खराबी के चलते ले जाना पड़ा निजी अस्पताल
दरअसल यह घटना केरल के कोझिकोड में घटित है जहां एक 14 वर्ष का बच्चा रहता था जिसका नाम मृदुल था पिछले गुरुवार अर्थात 24 जून को इस बच्चे को कुछ स्वास्थ्य खराबी के चलते निजी अस्पताल ले जाना पड़ा था जिसमें मृदुल को कुछ दिनों से उल्टी और सिरदर्द की शिकायत हो रही थी। जिसके बाद डॉक्टरों ने अच्छी तरह से जांच-पड़ताल की जिसमें उन्होंने बच्चे को अमीबिक मेनिंगोएन्सेफेलाइटिस से संक्रमित बताया। इन सभी के पश्चात केरल राज्य स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को बताया कि ईपी मृदुल नामक लड़के की मृत्यु 3 जुलाई की रात 11:20 बजे हुई।
लोगों को तालाब से दूर रहने की दी सलाह
डॉक्टरों ने इस संक्रमण के कारण का पता लगाने के लिए मृदुल के घरवालों से पूछ-ताछ की जिसमें उन्होंने बताया की मृदुल ने अपने घर के पास के तलाब मेंं नहाया था जिसके बाद से ही वो बीमार रहने लगा था। इस बात को सुनकर डॉक्टरों ने सभी को सूचित किया तथा हाल ही में वहां नहाने वाले अन्य लोगों को भी लक्षणों के प्रति सतर्क रहने की चेतावनी भी दी गई जिसके बाद अधिकारियों ने लोगों को तालाब से दूर रहने की सलाह दी।
इस Brain Eating Amoeba के कारण हो चुकी हैं और भी मौतें
ये केवल एक ऐसा केस नहीं है जिसमे इस बच्चे (मृदुल ) की मौत हुई है इससे पहले भी दो अन्य बच्चों की मौत इस संक्रमित Brain Eating Amoeba से हो चुकी है। बताया जा रहा है की मृदुल की उम्र केवल 14 वर्ष थी और वह कोझिकोड के फारूक हायर सेकेंडरी स्कूल में कक्षा 7 का छात्र था। इसके अलावा करीब 20 मई को मलप्पुरम के मुन्नियूर की पांच वर्षीय बच्ची की मुन्नियूर नदी में नहाने के बाद और मलप्पुरम के रामनट्टुकारा के 12 वर्षीय बालक की तालाब में तैरने के कुछ दिनों बाद ही उनकी मृत्यु जानलेवा अमीबा के कारण हो गई थी।
क्या है ये जानलेवा अमीबा?
इस जानलेवा अमीबा का असली नाम नेगलेरिया फाउलेरी है जिसे आमतौर पर मस्तिष्क खाने वाला अमीबा (Brain Eating Amoeba) कहा जाता है, यह नेगलेरिया जीनस की एक प्रजाति है जो की दुर्लभ लेकिन खतरनाक सूक्ष्मजीव है जो मस्तिष्क में गंभीर संक्रमण पैदा कर सकता है जिसे प्राथमिक अमीबिक मेनिंगोएन्सेफेलाइटिस (PAM) के रूप में जाना जाता है। नेगलेरिया फाउलेरी फ़ाइलम पर्कोलोज़ोआ से संबंधित है और इसे तकनीकी रूप से वास्तविक अमीबा के बजाय अमीबोफ्लैगलेट उत्खनन के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह एक ऐसा घातक अमीबा है जो मस्तिष्क के ऊतकों को काफी हद तक नुकसान पहुंचा देता है जिससे मनुष्य की मृत्यु हो जाती है।
क्या है Brain Eating Amoeba के संक्रमण के कारण?
किसी भी संक्रमण का कारण एक ही होता है और वो है अशुद्धता, जहां अशुद्धता गंदगी होती है वही इन तरह की बीमारियों की संक्रमणता बढ़ती है। नेगलेरिया फाउलरी संक्रमण (Brain Eating Amoeba) आमतौर पर तब होता है जब व्यक्ति गर्म मीठे पानी के निकायों में तैरते हैं जहाँ अमीबा मौजूद होता है तथा अमीबा नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश करके लोगों को संक्रमित करता है, जब पानी को दबाव में नाक में डाला जाता है, जैसे कि गोता लगाने के दौरान, तो संक्रमण की संभावना अधिक होती हैं।
यह अमीबा नाक के माध्यम से मस्तिष्क तक पँहुच जाता है, जहाँ यह मस्तिष्क के ऊतकों को नष्ट कर देता है और सूजन पैदा करता है जिसके कारण मनुष्य की मृत्यु हो जाती है। इन संक्रमको को मनुष्य के शरीर मे बीमारी फैलाने के लिए 5 से 6 दिन लगते है जिसके बाद यह मनुष्य की मृत्यु का कारण बन जाते है। जानकारियों के लिए बता दें की यह संक्रमण दूषित पानी पीने या एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संचारित नहीं होता हैं।
नेगलेरिया फाउलेरी से संक्रमण के लक्षण
- नेगलेरिया फाउलेरी से संक्रमण के लक्षण महज 5-6 दिनों में ही नजर आने लगते हैं।
- इस Brain Eating Amoeba के संक्रमण से सिरदर्द, बुखार, मतली, उल्टी होने लगती है तथा मनुष्य में परिवर्तित मानसिक स्थिति भी नज़र आ सकती हैं।
- मामूली सिरदर्द से शुरू होने वाले इसके लक्षण बाद में गंभीर होते हुए जानलेवा तक होते हैं।
- PAM (Primary amoebic meningoencephalitis) के लक्षण कुछ-कुछ बैक्टीरियल इंफेक्शन मिनीनजाइटिस की तरह होते हैं।
- इस अमीबा से रोगी भ्रमित हो सकता है, दौरे से पीड़ित हो सकता है, संतुलन खो सकता है।
- भ्रमित होने और संतुलन खोने के कारण कुछ केसों में मरीज कोमा में भी जा सकता है तथा यह संक्रमण लगभग हमेशा घातक ही होता हैं।
इस संक्रमण से बचाव के उपाय
जानकारियों के अनुसार Brain Eating Amoeba 97 प्रतिशत तक यह घातक होता है तथा इसका इलाज संभव नहीं होता है लेकिन C.D.C. ने बताया कि उत्तरी अमेरिका में कुछ जीवित बचे लोगों का इलाज दवाओं के संयोजन से किया गया, जिसमें एम्फोटेरिसिन बी, रिफाम्पिन, फ्लूकोनाज़ोल और मिल्टेफोसिन नामक दवा शामिल थी। ज्यादातर डॉक्टरों का यह सुझाव होता है की इस संक्रमण से बचने का एक ही तरीका होता है वह यह है की मनुष्यों को पानी के अंदर जाने से पहले अपने शरीर को किसी तरह से ढक ले तथा आखों के लिए चश्मे व नाक,कान के लिए मास्क लगा ले जिससे इस तरह का अमीबा आपके शरीर में प्रवेश ना कर पाए।