Hemant Soren: झारखंड उच्च न्यायालय ने शुक्रवार 28 जून को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री Hemant Soren को जमानत दे दी है जिसके बाद शनिवार 29 जून को हेमंत सोरेन ने BJP पर आरोप लगाते हुए भड़काऊ बयान दिया और दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनावों के बाद भगवा पार्टी का राज्य से सफाया हो जाएगा। झारखंड में विधानसभा चुनाव के इस माहौल के बीच इस तरह के बयान का क्या असर होगा पार्टी पर और क्या सच में झारखंड से BJP का नामों-निशान मिट जाएगा।
शुक्रवार को मिली जमानत
बता दें की Hemant Soren झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री है जिनकी पार्टी का नाम झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) है। झामुमो नेता को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 8.36 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जे से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था जिसके बाद शुक्रवार को उनको जमानत मिली थी जिसके बाद उन्होंने दावा करते हुए BJP पर आरोप लगाया था।
जमानत के बाद हेमंत सोरेन ने कहा
हेमंत को जमानत मिलने के एक ही दिन बाद अर्थात शनिवार को उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के अपने सदस्यों से मुलाकात की और शनिवार को एक कथित तौर पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री Hemant Soren ने कहा की “बीजेपी के ताबूत में आखिरी कील” ठोकने का समय है और विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी झारखंड से खत्म हो जाएगी, बीजेपी के ताबूत में आखिरी कील ठोकने का समय है; भगवा पार्टी झारखंड से खत्म हो जाएगी।”
‘प्रथम दृष्टया वह दोषी नहीं”
विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए झारखंड पूर्व मुख्यमंत्री Hemant Soren ने कहा “हमारे खिलाफ साजिश रचने वालों को हम मुंहतोड़ जवाब देंगे। मुझे जानकारी मिली है कि राज्य में विधानसभा चुनाव पहले हो सकते हैं और हम इसके लिए तैयार हैं।” अदालत ने यह कहकर पूर्व मुख्यमंत्री को जमानत दे दी की ‘प्रथम दृष्टया वह दोषी नहीं हैं और जमानत पर रहकर याचिकाकर्ता द्वारा कोई अपराध करने की कोई संभावना नहीं है।’
राज्य के समीकरणों में बड़ा बदलाव
इस साल के अंत में होने वाले झारखंड के विधानसभा चुनावों से पहले Hemant Soren की रिहाई ने राज्य के समीकरणों में बड़ा बदलाव कर दिया है, क्योंकि राज्य की झामुमो-कांग्रेस गठबंधन सरकार को नैतिक तौर पर सोरेन की रिहाई से ताकत मिली है लेकिन देखना यह है की हेमंत सोरेन के इस तरह के आरोपों और दावों का झारखंड विधानसभा चुनाव में क्या असर पड़ता है? तथा क्या सच में इस बार मोदी सरकार को झारखंड से समर्थन नहीं मिलने वाला हैं।
लोकसभा चुनाव के समय हुआ यह था की…
हुआ यूं था की जिस दिन ED ने गिरफ्तार किया था अर्थात 31 जनवरी 2024 को ही Hemant Soren को लोकसभा चुनाव की तैयारी करनी थी लेकिन उनकी गिरफ़्तारी होने के कारण उन्होंने इसकी पूरी जिम्मेदारी और बाग डोर अपने पार्टी के कद्दावर और विश्वस्त नेता चंपाई सोरेन को सौंप दे दी थी तथा गिरफ़्तारी के कारण उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने उनकी अनुपस्थिति में चुनाव प्रचार का बीड़ा उठाया और 2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले पार्टी का प्रदर्शन इस चुनाव में काफी बेहतर रहा।
Hemant Soren ने आरोप लगाते हुए कहा
Hemant Soren ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा की ”भाजपा विधानसभा चुनाव जीतने के लिए ‘मुंगेरीलाल के हसीन सपने’ देख रही है। बीजेपी को जनता ने इस लोकसभा के दौरान सबक सिखा दिया हैं। भाजपा कई राज्यों में आदिवासियों को सीएम बना रही है, लेकिन वे सिर्फ “रबर स्टैंप” हैं। कोई भी सच नहीं छिपा सकता, यह देर-सबेर सामने आ ही जाता है।”
पूर्व सीएम ने आगे कहा की ”मैं एक बार फिर आपको नेतृत्व प्रदान करने के लिए आपके बीच आया हूं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि लोकसभा चुनाव के नतीजों ने झारखंड के मूल निवासियों और आदिवासियों को ताकत दी है। जानकारियों के लिए 2024 के आम चुनावों में झारखंड की 14 लोकसभा सीटों में से भाजपा को 8 सीटें मिली तथा झामुमो को तीन, कांग्रेस को दो और आजसू पार्टी को एक सीट मिली।
चुनाव के दौरान BJP को भारी हार का सामना पड़ा
इस लोकसभा चुनाव के दौरान BJP को भारी हार का सामना पड़ा था जिसकी एक वजह Hemant Soren की गिरफ़्तारी को ही समझा जा सकता है क्योंकी उन्होंने अपनी वाकपटुता के जरिए महिलाओं के बीच एक मजबूत छवि बना ली है, इन सभी बातों को ध्यान रखते हुए यह बात तो साबित हो जाती है की झारखंड में बीजेपी की जीतने की संभावना बहुत ही कम है लेकिन यह भी कहना सही नहीं होगा क्योंकी बीजेपी ने झारखंड की जनता के लिए बहुत कुछ किया हैं।