Indore Case: टीवी देखने और मोबाइल चलाने से मना करना पड़ा भारी, बच्चों ने किया माता-पिता पर केस

Indore Case
Indore Case, image via: freepik

Indore Case: अलग तरह की और अजीब सी खबरें इन दिनों आ रही हैं जिसमें माता-पिता ने मोबाइल और टीवी देखने के लिए मना किया तो उनके ही बच्चों ने उन पर केस कर दिया। केस करने वाले बच्चे कोई छोटे और नासमझ नहीं हैं बल्कि यह केस (Indore Case) दो बच्चों ने किया है जिसमें नाराज़ 21 साल की बेटी और 8 साल के बेटे ने किया है, और यही नही उनके द्वारा अपने माता-पिता पर किया गया केस हाई कोर्ट तक पहुँच गया है।

आजकल बच्चों और टेक्नोलॉजी से जुड़े बहुत से केस सामने आ रहे है जिसमें कहीं बच्चे कोई खतरनाक गेम के जरिए आत्महत्या कर लेते है या तो फिर फोन के जरिए कुछ और गलत काम करने के लिए प्रेरित हो जाते हैं ऐसे में माता-पिता की यह जिम्मेदारी होती है की वे अपने बच्चों पर नियंत्रण रखें और उन्हे नियमित रूप साधनों को प्रयोग करने दे लेकिन उनकी यह समझदारी व जिम्मेदारी एक दिन उन पर ही हावी हो जाएगी यह उन्होंने कभी नही सोचा होगा।

Indore Case: क्या है मामला?

इस Indore Case मेंँ दो बच्चों ने पुलिस थाने में एक केस दर्ज करवाया है जिसमें दोनों बच्चों की यह शिकायत है की उनके माता-पिता उन्हे टीवी देखने और मोबाइल चलाने नही देते और इस बात को लेकर रोज घर में झगड़ा होता है और उन्हे रोज डांट और मार पड़ती है। इस बात को सुनकर पुलिस ने दोनों बच्चों की बात मानकर उनकी शिकायत दर्ज कर ली व पुलिस ने पैरेंट्स के खिलाफ चालान भी पेश कर दिया है। हालंकी यह मामला तीन साल पुराना 25 अक्टूबर 2021 का है।

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जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत हुआ केस दर्ज

Indore Case में बच्चों की शिकायत पर पुलिस ने परिजन के खिलाफ जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया जिसमें माता-पिता पर धारा 342 के तहत गलत तरीके से बंधक बनाने, धारा 294 के तहत अश्लील कृत्यों या शब्दों, धारा 506 के तहत आग से संपत्ति नष्ट करने की धमकी, धारा 323 के तहत स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए कारवाही की जाएगी। इन सभी के अलावा पुलिस ने परिजनों के खिलाफ जेजे ऐक्ट 75 और 85 के तहत भी मामला दर्ज  किया हैं।

माता-पिता को हो सकती हैं 7 साल की जेल

Indore Case में पुलिस ने ऐसी धाराएं भी लगाईं, जिसके तहत उन्हें 7 साल जेल में बिताने पड़ सकते हैं व माता-पिता को जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। माता-पिता के वकील धर्मेंद्र चौधरी ने बताया कि “इंदौर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई और सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने जिला कोर्ट में माता-पिता के खिलाफ शुरू किए गए ट्रायल पर अंतरिम रोक लगा दी है. जिस पर आने वाले दिनों में सुनवाई होगी।”

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माता-पिता ने हाईकोर्ट में इस केस को दी चुनौती

फिलहाल हाईकोर्ट ने Indore Case में सुनवाई के बाद जिला कोर्ट में माता-पिता के खिलाफ शुरू किए गए ट्रायल पर अंतरिम रोक लगा दी है। माता-पिता ने हाईकोर्ट में इस केस में चुनौती दी है व उनका मन है की ऐसा करने वाले वे केवल एकलौते माता-पिता नही हैं। बच्चों के माता-पिता का कहना था की वे बच्चों की आदत से बहुत परेशान थे वे कोई काम समय पर नहीं करते थे बच्चों की टीवी और मोबाइल की लत से पूरा घर परेशान था। बच्चों को इस तरह से डाटना बहुत ही आम और सामान्य बात है।

बच्चे अपनी बुआ के साथ रह रहे हैं

बच्चों के शिकायत दर्ज करवाने के बाद से ही दोनों बच्चे अपनी बुआ के साथ रह रहे हैं लेकिन मिली जनकारियों के अनुसार माता-पिता का भी कुछ दिनों से बुआ के साथ वाद-विवाद चल रहा है और इतना ही नही माता-पिता के इस तरह से अपने बच्चों को डाटने वाली बात का बुआ ने भी विरोध किया है और उनके भी हिसाब से माता-पिता गलत हैं। फिलहाल मामला काफी गंभीर नजर आ रहा है जिसके चलते अब देखना होगा कि सुनवाई के बाद हाईकोर्ट किस तरह के आदेश जारी करता है।

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Rohini Thakur

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