International Yoga Day: इस साल 10वाँ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, पहली बार अंतरिक्ष यात्री भी करते दिखाई देंगे योग

International Yoga Day
International Yoga Day, image via: starline

International Yoga Day: हर साल 21 Jun को (International Yoga Day) अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है पर इस साल पहली बार 10वे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर अंतरिक्ष यात्री भी योग करते दिखाई देंगे। इसके लिए आयुष मंत्रालय और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की संयुक्त पहल “योगा फॉर स्पेस” शुरू की गई। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर योग के अनेक लाभों के बारे में दुनिया भर में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।

कब हुई अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) मनाने की शुरुआत?

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) मनाने की शुरुआत 21 जून 2015 में की गई और पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के इस दिन में करोड़ों-अरबों लोगों ने योग किया था, जिसने पूरे विश्व में एक रिकॉर्ड बनाया।योग शब्द संस्कृत शब्द “युज” से निकला है, जिसका अर्थ है “जोड़ना” या “एकजुट करना”, तथा यह मन, शरीर और आत्मा में सामंजस्य लाने के दर्शन का प्रतीक है।

International Yoga Day 2024 की थीम?

International Yoga Day 2024 की थीम ‘स्वयं और समाज के लिए योग’ है। इस दिवस के थीम “स्वयं और समाज के लिए योग” विषयपर  प्राचीन अभ्यास के सार को पूरी तरह से दर्शाता है, इसके साथ ही PM मोदी ने देशभर के ग्राम पंचायत प्रमुखों से योग और मोटे अनाज के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने का आग्रह किया है। यह मोटे अनाज यानि श्री अन्न का  शरीर में सेवन करना मस्तिष्क के लिए और भी ज्यादा फायदेमंद होता है।

किस दिन मिली ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी?

11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र के 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। 27 सितम्बर 2014 को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में विश्व समुदाय से एक अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को अपनाने की अपील की थी। यह उस प्राचीन भारतीय प्रथा को मान्यता देने का दिन है। जो मानसिक और शारीरिक कल्याण पर केंद्रित है। यह प्राचीन परंपरा योग एक ऐसी प्रथा है, जिसकी उत्पत्ति कई वर्ष पहले भारत में हुई थी। 

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के 10th वर्ज़न की तैयारी

सभी देशों में International Yoga Day के 10th वर्ज़न की तैयारी पर है, इसी को लेकर आयुष मंत्रालय के तहत अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान योग दिवस के लिए भरपूर तैयारी कर रहा है। ‘आंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने बताया कि ‘योगा फॉर स्पेस’ नाम से एक अनूठी पहल आयोजित की जा रही है। इसरो के सभी वैज्ञानिक और अधिकारी कॉमन योग प्रोटोकॉल के दिशा-निर्देशों के अनुसार एक साथ योग करेंगे। इस बार जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में सबसे बड़ा कार्यक्रम होगा जिसमें पीएम मोदी के साथ हजारों लोग योगाभ्यास करेंगे। आइए जानते हैं कुछ योग आसान और प्राणायाम के बारे में-

मुख्य योग आसान –

1. सूर्य नमस्कार –

सूर्य नमस्कार योगासनों में सर्वश्रेष्ठ है। यह अकेला अभ्यास ही साधक को सम्पूर्ण योग व्यायाम का लाभ पहुंचाने में समर्थ है।इस आसन को करने से पूर्ण शरीर के भागों को लाभ पहुंचता है। इसके 12 आसान है, जिनके नाम –

  • प्रणामासन
  • हस्तोत्तानासन
  •  हस्तपादासन
  •  अश्व संचालनासन
  • दंडासन
  • अष्टांग नमस्कार
  • भुजंगासन
  •  अधोमुख श्वानासन
  • अश्व संचालनासन
  •  हस्तपादासन
  •  हस्तोत्तानासन
  • ताड़ासन​

2. चक्रासन –

Chakrasana, image via: Wikimedia Commons

यह आसान रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने के साथ शरीर में स्फूर्ति, शक्ति एवं तेज की वृध्दि करता है। कटिपीड़ा, श्वास रोग, सिरदर्द, नेत्र विकारों, सर्वाइकल व स्पोंडोलाईटिस में विशेष हितकारी है। इस आसान को करने से पूर्ण शरीर लचीला होने के साथ हाथ और पैरों कि मांसपेशियों को सबल बनाता है।

3. शीर्षासन –

Shirshasana, image via: pexels

इस आसन से हमारे पूरे शरीर की मांसपेशियां सक्रिय हो जाती है। शीर्षासन से हमारा पाचनतंत्र स्वस्थ रहता है। इससे मस्तिष्क का रक्त संचार बढ़ता है, जिससे की स्मरण शक्ति काफी अधिक बढ़ जाती है। थायराइड ग्रंथि में सुधार होता है और थायराइड के मरीजों को इससे लाभ होता है।

मुख्य प्राणायाम –

1. अनुलोम-विलोम प्राणायाम –

Anulom Vilom, image via: Flickr

अनुलोम-विलोम प्राणायाम को कुछ योगीगण ‘नाड़ी शोधक प्राणायाम’ भी कहते हैं। इस प्राणायाम में नाक के दायें छिद्र से सांस खींचते हैं, तो बायीं नाक के छिद्र से सांस बाहर निकालते है। यह आसान फेफड़ों को  शक्तिशाली बनाने के साथ यह आसान हृदय,सर्दी, जुकाम व दमा की शिकायतों से काफी आराम देता है साथ ही पूरे शरीर में शुद्ध ऑक्सीजन की पूर्ति करता है।

2. कपालभाति प्राणायाम –

Kapalbhati, image via: Depositphotos

कपालभाति डाइजेस्टिव सिस्‍टम को मजबूत बनाकर गैस, एसिडिटी, कब्‍ज जैसी समस्याओं में भी राहत देता है। कपालभाति प्राणायाम फेफड़ों, स्प्लीन, लीवर, पैनक्रियाज के साथ-साथ दिल के कार्य में सुधार करता है। इस प्राणायाम के नियमित अभ्यास से शरीर की अनावश्यक चर्बी घटती है।

3. भ्रामरी प्राणायाम –

Bhramari, image via: PixaHive

इस प्राणायाम से सायकीक पेंशेट्स को फायदा होता है। इस प्राणायाम को करने से मायग्रेन पेन, डीप्रेशन, और मस्तिष्क से सम्बधित सभी समस्याएं समाप्त होती है। मन और मस्तिषक की शांति मिलने के साथ एकाग्रता भी बढती है।

Poranika Singh

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