Jyotiraditya Scindia: ग्वालियर राजघराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का आज सुबह (बुधवार) निधन हो गया। वे केंद्रीय मंत्री Jyotiraditya Scindia की माता हैं। माधवी राजे 70 वर्ष की थीं और लंबे समय से बीमार चल रही थीं। उन्हें 15 फरवरी को एम्स में भर्ती किया गया था। उन्होंने बुधवार को दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। सुबह 9 बजकर 28 मिनट पर उनका निधन हुआ।
निमोनिया से थीं पीड़ित
राजमाता माधवी राजे सिंधिया जी का पिछले कुछ महीने से उनका इलाज चल रहा था। उन्हें लंग्स में इंफेक्शन की वजह से भर्ती कराया गया था। वह निमोनिया के साथ-साथ सेप्सिस से भी पीड़ित थीं और पिछले कुछ दिनों से उन्हे वेंटिलेटर पर रखा गया था। गुना लोकसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान उनकी स्थिति ज्यादा गंभीर हो गई थी। इसके बाद उनकी बहू प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया और पोता महाआर्यमन सिंधिया चुनाव प्रचार छोड़कर दिल्ली रवाना हो गए थे। पांच मई को ज्योतिरादित्य सिंधिया भी दिल्ली चले गए थे।
दिल्ली से लेकर मध्य प्रदेश तक शोक की लहर
महल के सूत्रों के मुताबिक उनका अंतिम संस्कार कल 16 मई को शाम 4 से 5 बजे के आसपास होगा। उनके निधन से दिल्ली से लेकर मध्य प्रदेश तक शोक की लहर दौड़ गई है।राजमाता माधवी राजे सिंधिया जी के निधन से ग्वालियर राजघराने को बड़ी क्षति पहुंची है। प्रदेश की राजनीति से जुड़े कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया हैं ।
शाही परिवार से है माधवी राजे सिंधिया
माधवी राजे सिंधिया जी एक शाही परिवार से है। उनके मायके का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। माधवी राजे के दादा जुद्ध शमशेर जंग बहादुर राणा नेपाल के प्रधानमंत्री रहे हैं। किसी वक्त में वो राणा राजवंश के मुखिया भी रहे थे। माधवी राजे सिंधिया को प्रिंसेस किरण राज्य लक्ष्मी देवी के नाम से जाना जाता है। वर्ष 1966 में ग्वालियर के महाराज माधवराव सिंधिया जी का विवाह नेपाल की राजकुमारी माधवी जी के साथ हुआ। 30 दिसंबर 2001 को मैनपुरी (यूपी) के नजदीक तत्कालीन नेता माधवराव सिंधिया जी की विमान हादसे में मृत्यु हो गई थी।
अंतिम संस्कार से जुड़ी तैयारी शुरू
केंद्रीय मंत्री सिंधिया के कार्यालय से कहा गया है, ‘बड़े दुःख के साथ ये साझा करना चाहते हैं कि राजमाता साहब नहीं रहीं। माधवी राजे के अंतिम संस्कार के लिए यहां चबूतरा तैयार किया जा रहा है। ग्वालियर में सिंधिया परिवार की छत्री पर अंतिम संस्कार से जुड़ी तैयारी शुरू हो गई है। स्व. माधवराव सिंधिया की छत्री के पीछे माधवी राजे का अंतिम संस्कार होगा। सिंधिया परिवार के सभी सदस्यों का अंतिम संस्कार कटोरा ताल स्थित छत्री में ही किया जाता है।
चैरिटी के काम में सक्रिय रहती थी Jyotiraditya Scindia की माता
माधवी राजे सिंधिया चैरिटी के काम में काफी सक्रिय रहती थी। माधवी 24 धर्मार्थ ट्रस्टों की अध्यक्ष थीं । वह शिक्षा और चिकित्सा देखभाल जैसे क्षेत्रों में सहायता देती थी । उन्होंने अपने दिवंगत पति माधवराव सिंधिया की याद में महल संग्रहालय में गैलरी भी बनाई।
उनके पति माधवराव सिंधिया कांग्रेस के कद्दावर नेता थे
उनके पति माधवराव सिंधिया कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे हैं वहीं माधवी राजे सिंधिया की सास विजयाराजे सिंधिया जनसंघ की संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। माधवराव के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया पिता की राजनीतिक विरासत को संभाल रहे थे। मार्च 2020 में वह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए।
लंग्स में कोविड के बाद बढ़ गई थी परेशानी
माधवी राजे सिंधिया एक साल पहले अपने परिवार के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने गई थी। इस मुलाकात में ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया और महाआर्यमन सिंधिया भी मौजूद थे। उसके बाद वह ग्वालियर में भी एक दो कार्यक्रम में दिखीं थी। बीते कुछ महीनों से वह किसी सार्वजनिक जगह पर नहीं दिखी। लंग्स में कोविड के बाद से उनकी परेशानी बढ़ गई थी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दुख व्यक्त किया
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ग्वालियर की राजमाता के निधन पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने एक्स कर लिखा- भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधया की पूज्य माता जी माधवी राजे सिंधिया जी के निधन का हृदय विदारक समाचार प्राप्त हुआ। मां जीवन का आधार होती हैं, इनका जाना जीवन की अपूरणीय क्षति है। बाबा महाकाल से दिवंगत पुण्य आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान और परिजनों को यह गहन दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।