Karnataka Reservation: कर्नाटक सरकार सिद्दारमैया ने निजी कंपनियों में नौकरियों को लेकर बड़ा फैसला लिया है और इस फैसले को सोशल मीडिया पर साझा किया है। इस फैसले को कैबिनेट बैठक में 15 जुलाई सोमवार को लिया गया। इस फैसले की जानकारी 16 जुलाई 2024 मंगलवार को दी गई। यह फैसला ऐतिहासिक और बड़ा माना जा सकता है क्योंकि अब तक किसी भी राज्य ने ऐसा फैसला नहीं किया था, तो आइए जानते हैं क्या है वो फैसला।
क्या है यह फैसला?
इस कैबिनेट में Karnataka Reservation पर यह फैसला लिया गया है की निजी नौकरियों में कन्नड़िगाओं के लिए 100 प्रतिशत आरक्षण को मान्यता मिली है। इन निजी कंपनियों में समूह-सी और डी के पदों के लिए पूर्ण आरक्षण मिलेगा। सूत्रों के अनुसार 18 जुलाई गुरुवार को विधेयक विधानसभा में पेश किया जाएगा जबकि मंत्रिमंडल ने प्रावधान का समर्थन किया है।
CM सिद्धरमैया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा
कर्नाटक के CM सिद्धरमैया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा – “कल हुई कैबिनेट बैठक में राज्य के सभी निजी उद्योगों में “सी और डी” ग्रेड के पदों पर 100 प्रतिशत कन्नड़ लोगों को नियुक्त करना अनिवार्य करने के लिए एक बिल को मंजूरी दी गई है। हमारी सरकार कन्नड़ समर्थक है।” उन्होंने कहा है की कन्नड़ भूमि में किसी भी कन्नड़ को नौकरी से वंचित नहीं किया जाएगा, ताकि वे शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत कर सकें।
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क्या है इस बिल में?
एक रिपोर्ट के अनुसार इस Karnataka Reservation बिल के अंतर्गत कोई भी उद्योग, कारखाना प्रबंधन श्रेणियों में 50% और गैर-प्रशासनिक पदों के लिए 75% स्थानीय उम्मीदवारों को नियुक्त करेगा और अगर उम्मीदवारों के पास कन्नड़ भाषा के साथ माध्यमिक विद्यालय प्रमाणपत्र नहीं है तो उनको ‘नोडल एजेंसी’ के द्वारा निर्दिष्ट कन्नड़ दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
इस विधेयक में यह भी कहा गया है कि अगर कोई योग्य स्थानीय उम्मीदवार उपलब्ध नहीं हैं तो सरकार या उसकी एजेंसियों के सक्रिय सहयोग से प्रतिष्ठानों को तीन साल के अंदर प्रशिक्षण देना होगा। अगर स्थानीय उम्मीदवार पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं हैं तो कोई प्रतिष्ठान इस अधिनियम के प्रावधानों से छूट के लिए सरकार को आवेदन कर सकता है।
भरना पड़ेगा जुर्माना
इसमें नोडल एजेंसी की भूमिका किसी नियोक्ता या किसी प्रतिष्ठान के अधिष्ठाता या प्रबंधक द्वारा प्रस्तुत रिपोर्टों को सत्यापित करना होगा और इस अधिनियम के प्रावधानों के कार्यान्वयन का संकेत देते हुए सरकार को एक रिपोर्ट भी प्रस्तुत करनी होगी।अगर कोई भी नियोक्ता, अधिभोगी या प्रतिष्ठान के प्रबंधक इस अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करते हैं, उन्हें 10,000 रुपये से 25,000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ेगा।
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नैसकॉम ने रिजर्वेशन की युक्ति को नकारा
नैसकॉम (NASSCOM / National Association of Software and Services Companies)- नैसकॉम, एक गैर लाभकारी इंडस्ट्री एसोसिएशन, भारत में 180 बिलियन डॉलर के IT BPM उद्योग के लिए शीर्ष निकाय है। इसने कर्नाटक सरकार के Karnataka Reservation पर कन्नडिगा को प्राइवेट सेक्टर में नौकरी पर रिजर्वेशन के युक्ति को नकारा है। नैसकॉम ने कहा की लोकल टेलेंट की कमी के चलते कंपनियों को राज्य से बाहर जाने के बारे में सोचने पर मजबूर होना पड़ेगा।
और भी प्राइवेट कंपनियां Karnataka Reservation के फैसले से नाखुश
प्राइवेट कंपनियों का कहना है कि-
- बिल से भेदभाव बढ़ेगा और इंडस्ट्रीज को नुकसान हो सकता है।
- सरकार को आरक्षण को अनिवार्य करने के बजाय स्किल डेवलपमेंट और हायर एजुकेशन पर ज्यादा खर्च करना चाहिए।
- नौकरी के लिए सक्षम बनाने के लिए कन्नड़ लोगों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम और इंटर्नशिप पर ज्यादा निवेश करना चाहिए।
- इस बिल से टेक्नोलॉजी फील्ड में लीडर के रूप में कर्नाटक के स्टेटस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।
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