Kingdom of the Planet of the Apes: वर्ष 2017 में आई ‘वॉर फॉर द प्लैनेट ऑफ द एप्स’ का अगला पार्ट है

Kingdom of the Planet of the Apes
Kingdom of the Planet of the Apes

Kingdom of the Planet of the Apes: इंसानों द्वारा जानवरों पर अत्याचार किए जाते है, लेकिन जब जानवर उन पर वैसा ही व्यवाहर करे जैसा वो जानवरों के साथ करते हैं  तो यह दुनिया खत्म हो जाएगी। इसी पर आधारित हॉलीवुड की हिट फ्रेंचाइजी ने ‘प्लैनेट ऑफ द एप्स रीबूट’ का चौथा पार्ट ‘Kingdom of the Planet of the Apes‘ का एक अंश पर्दे पर दर्शाता है, जो बहुत ही खतरनाक है।

क्या होगा जब जानवर इंसानों के घर में

इंसानों ने हमेशा अपने स्वार्थ के लिए जानवरों के घर, उनके जंगल को काट डाला है, उन्हे हमेशा मारने, शिकार करने, व अपने कब्जे में करने की कोशिश की हैं लेकिन क्या होगा अगर जिस तरह हम उनके घरों को काट कर उनको वहाँ से निकल देते है उसी प्रकार जब जानवर इंसानों के घर में घुस जाए?

तकनीक और कंप्यूटर जनित स्पेशल इफेक्ट्स

वर्ष 1968 से चलता आ रहा ‘प्लैनेट ऑफ द एप्स’ सीरीज की कहानियों का सिलसिले ने सभी को जानवरों के प्रति अहिंसा का पाठ पढ़ाया है। इस फिल्म के अभिनेता एंडी सरकिस ने इसकी पिछली फिल्म थ्री ने इसमें तकनीक का बेहतरीन  समावेश किया। कुछ वर्षों पहले एंडी का एक वीडियो आया था, जिसमें मोशन कैप्चर फिल्म मेकिंग और कंप्यूटर जनित स्पेशल इफेक्ट्स के जरिये उनके अभिनय के साथ उनका चेहरा एक लंगूर के रूप में बदलता दिखाया गया था।

सीजर को दी गई एक श्रद्धांजलि है

एंडी सरकिस का अभिनय सीजर पिछली फिल्म थ्री की आखिरी फिल्म ‘वॉर ऑफ द प्लैनेट ऑफ द एप्स’ में शहीद होता है। उसके कुछ उसूल रहे हैं, वह नई पीढ़ी का नेता भी था और फिर फिल्म ‘किंगडम ऑफ द प्लैनेट ऑफ द एप्स’ एक तरह से इस फ्रेंचाइजी के इसी सीजर को दी गई एक श्रद्धांजलि है, जिसमें  पिछली सीरीज से कई पीढ़ियों के बाद की कहानी पर यह आधारित है।

KINGDOM OF THE PLANET OF THE APES
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लंगूर छोटे-छोटे समूहों में…

अभिनेताओं की कला पर स्पेशल इफेक्ट्स के जरिये किसी भी जानवर का बदन चढ़ाया जा सकता है। वर्ष 2017 में आई ‘वॉर फॉर द प्लैनेट ऑफ द एप्स’ का अगला पार्ट है, जहां लंगूरों के नेता सीजर (एंडी) की मौत होने के कारण कई पीढ़ियों तक लंगूर छोटे-छोटे समूहों में रह रहे हैं।

Kingdom of the Planet of the Apes की कहानी की शुरुआत…

सभी लंगूर अलग-अलग स्थान में रहने लगे, जिसमें ऐसी ही एक समूह में नोआ (ओवेन टीग) अपने परिवार और अपने प्यार सूना (लिडिया पेकहम) के साथ बड़ी खुशी से रहता है जो की एक दयालु, बहादुर व उसूलों को मनाने वाला लंगूर हैं। लेकिन एक दिन मास्क वाला लंगूर प्रॉक्सिमस (केविन डुरंड) नोवा के घर पर हमला कर देता है, व नोवा के पिता कोरो (नील सैंडिलैंड्स) की हत्या कर देता है व सब लंगूरों को कैद कर पूरे क्षेत्र को जला देता है। प्रॉक्सिमस खुद को सीजर का उत्तराधिकारी कहता है जो की  सत्ता का भूखा हैं।

नोवा के सफर की शुरुआत

नोवा अपने पिता को भरोसा दिलाता है व वादा करता है कि वह अपने समूह को वापस लाएगा और यहां से उसका सफर तय होता है। उसे एक इंसान मे (फ्रेया एलन) और बुद्धिमान ओरांगउटान राका (पीटर मैकॉन) मिलते हैं, जो उसे सीजर की असली सीख के बारे में बताता है जिसके बाद नोवा पर भरोसा न करने वाली ने  उसे उसके समूह तक पहुंचाती है।

नोवा और मे का लक्ष्य

इस सफर में मे उसे बताती है कि इंसानों के बनाए गए वायरस के कारण लंगूर ताकतवर और बुद्धिमान हो गए और इंसान बेजुबान और कमजोर। मे उनसे कहती है की वो अपने लोगों की आवाजो को लौटाना चाहती है। फिल्म में यह सफर कितना दिलचस्प और खतरनाक होने वाला है, व नोवा और मे अपने लक्ष्य में कामयाब होते है की नहीं यह तो फिल्म देख कर पता चलेगा।

पार्ट फोर का रिव्यू

वेस बॉल द्वारा निर्मित यह फिल्म स्क्रीनप्ले पर तो टिक नहीं पाई लेकिन इस पार्ट का इंतजार बहुत से दर्शक कर रहे थे। यह भी है की जो लोग इसके पहले के तीनों पार्टो को नहीं देखा होगा उसे यह पार्ट समझ नहीं आएगा। यह फिल्म कुछ सवालों के जवाब भी ढूंढ रही है, जैसे क्या इंसान और जानवर एक साथ रह सकते है? और क्या इंसान और जानवर एक दूसरे पर विश्वास कर सकते हैं?

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Rohini Thakur

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