Lateral Entry: क्या है लैटरल एंट्री? जानिए इसके विरोध में किसने क्या कहा?

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Lateral Entry: UPSC ने 17 अगस्त को Lateral Entry के जरिए 45 पोस्ट के लिए वैकेंसी निकाली थी जिसके बाद से ही पक्ष तथा विपक्ष में इस नोटिफिकेशन के लिए जमकर विरोध किया जा रहा है। दरअसल इस मामले को इसलिए गभीर माना जा रहा है क्योंकि इस नोटिफिकेशन को लेकर केवल विपक्ष के नेता ही नहीं बल्कि NDA के नेता भी इसे नकार रहे है उनका मानना है की यह लेटरल एंट्री गलत है।

क्या है Lateral Entry?

UPSC द्वारा 45 पदों पर भर्ती के लिए एक नोटिफिकेशन जारी की गई थी, जो की विभिन्न मंत्रालयों के पद जैसे ज्वाइंट सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर के पदों के लिए थी। इन पदों पर नियुक्ति लेटरल एंट्री के तहत की जानी थी। लैटरल एंट्री के अनुसार उम्मीदवारों को यूपीएससी परीक्षा में शामिल हुए बिना ही सिर्फ इंटरव्यू के आधार पर अधिकारी बनने का अवसर दिया जा रहा था।

Lateral Entry के प्रावधानों के तहत प्राइवेट सेक्टर में 15 साल काम करने के एक्सपीरियंस वाले इन पदों पर आवेदन कर सकते थे अर्थात सिविल सेवा ब्यूरोक्रेसी में अगर आर्थिक जगत से जुड़ा कोई पद आता है तो उसमें किसी आईएएस अधिकारी को प्रमोशन देकर रखने के बजाय किसी आर्थिक जगत के एक्सपर्ट का चुनाव करके उसे नियुक्त किया जाता। ऐसा करने का उद्देश्य यह था की सरकार को बेहतर और नए विचार मिल सकें। पर विपक्ष ने इसपर अपना विरोध जाहिर किया है।

PM मोदी के कहने पर नोटिफिकेशन किया गया रद्द

नोटिफिकेशन के जारी होने के कुछ ही दिनों बाद केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार 20 अगस्त को UPSC चेयरमैन से नोटिफिकेशन रद्द करने को कहा व उनके अनुसार PM मोदी के कहने पर यह फैसला लिया गया है। केंद्र में रिक्त संयुक्त सचिव, निदेशक व उपसचिव के 45 पदों पर सीधी भर्ती (Lateral Entry) के मुद्दे पर अब काफी हद तक की गंभीर बहस छिड़ गई है जिसमें सभी पार्टियों के नेताओ का अपना-अपना नजरिया दिखाई दे रहा है।

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क्या कहा राहुल गांधी ने?

इस मुद्दे में आरक्षण को बचाने की बात करते हुए विपक्ष के नेता राहुल गाँधी ने कहा की “Lateral Entry में आरक्षण का प्रावधान नहीं है। लेटरल एंट्री के जरिए SC-ST और OBC का हक छीना जा रहा है। मोदी सरकार RSS वालों की लोकसेवकों में भर्ती कर रही है।” राहुल गाँधी की इस बात पर कुछ नेताओ ने अपना समर्थन दिया है व कुछ इस बात के विपक्ष में है।

राहुल गाँधी ने X में लिखा

मंगलवार को सोशल मीडिया में पोस्ट करते हुए राहुल गाँधी ने लिखा की “Lateral Entry जैसी साजिशों का विरोध किया जाएगा। साथ ही संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हर कीमत पर रक्षा करेंगे। मैं एक बार फिर कह रहा हूँ कि- 50% आरक्षण को तोड़कर हम जातिगत गिनती के आधार पर सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेंगे।

आरोपों के जवाब में कानून मंत्री ने कहा

राहुल गाँधी के इन सावलों और आरोपों के जवाब में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि “1976 में पूर्व PM मनमोहन सिंह को Lateral Entry के जरिए ही फाइनेंस सेक्रेटरी बनाया गया था। इसी तरह मोंटेक सिंह अहलूवालिया को योजना आयोग का उपाध्यक्ष और सोनिया गांधी को नेशनल एडवाइजरी काउंसिल (NAC) चीफ बनाया गया। लेटरल एंट्री की शुरुआत कांग्रेस ने की थी। अब PM मोदी ने UPSC को नियम बनाने का अधिकार देकर सिस्टम को व्यवस्थित किया है। पहले की सरकारों में लेटरल एंट्री का कोई फॉर्मल सिस्टम नहीं था।

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इस मुद्दे पर चिराग पासवान ने कहा

इस मुद्दे पर चिराग पासवान ने आरक्षण को कोई खतरा होने की बात को समझाते हुए कहा की “आज की तारीख में सरकार का अंग होने के नाते मैं स्पष्ट कर दूं कि प्रधानमंत्री की सोच कतई आरक्षण विरोधी नहीं हो सकती है। कैबिनेट की मीटिंग में भी इस बात को कहा गया है कि आरक्षण को लेकर बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर ने जो प्रावधान बनाए हैं वो प्रावधान वैसे ही लागू रहेंगे। दूसरी बात ये कि सरकार की सोच आरक्षण के समर्थन में है। प्रधानमंत्री जी की सोच आरक्षण के समर्थन में है।”

चिराग पासवान ने उठाए सवाल

लेकिन Lateral Entry के विषय पर सवाल उठाते हुय चिराग ने कहा था की “सरकारी नियुक्ति में आरक्षण होना चाहिए, इसमें कोई किंतु-परंतु नहीं हो। निजी क्षेत्र में आरक्षण नहीं है। सरकारी पदों पर इसे लागू नहीं करते हैं, तो चिंता की बात है। सरकार और प्रधानमंत्री आरक्षण के समर्थन में है।

लेटरल एंट्री के जरिए कुछ पदों पर सीधी भर्ती हो रही है, जिसमें आरक्षण को ध्यान में नहीं रखा गया है। उससे मैं और मेरी पार्टी सहमत नहीं है। हम इसके पूरी तरह से खिलाफ हैं। सरकार का हिस्सा होने के नाते हमने सरकार के सामने भी चिंता जाहिर की है। आने वाले दिनों में भी हम इस पर मजबूती से आवाज उठाएंगे।”

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी x पर पोस्ट किया

नोटिफिकेशन रद्द करने के मामले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी x पर पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने लिखा- “हमारे दलित, आदिवासी, पिछड़े और कमज़ोर वर्गों के सामाजिक न्याय के लिए कांग्रेस पार्टी की लड़ाई ने भाजपा के आरक्षण छीनने के मंसूबों पर पानी फेरा है। Lateral Entry पर मोदी सरकार की चिट्ठी ये दर्शाती है कि तानाशाही सत्ता के अहंकार को संविधान की ताक़त ही हरा सकती है।”

उन्होंने यह भी लिखा कि “श्री Rahul Gandhi, कांग्रेस और INDIA पार्टियों की मुहिम से सरकार एक क़दम पीछे हटी है, पर जब तक BJP-RSS सत्ता में है, वो आरक्षण छीनने के नए-नए हथकंडे अपनाती रहेगी। हम सबको सावधान रहना होगा।”

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Rohini Thakur

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