Leptospirosis: एक बड़ी खबर आ रही है जिसमे बताया जा रहा है की पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान को लेप्टोस्पायरोसिस होने का पता चला है, वे लेप्टोस्पायरोसिस (Leptospirosis) से संक्रमित हैं। चंडीगड़, मोहाली के एक निजी अस्पताल द्वारा जारी सूचना के अनुसार भगवंत मान में लेप्टोस्पायरोसिस की पुष्टि हुई है , जहां मुख्यमंत्री बुधवार रात से उपचाराधीन हैं। आपको बता दे लेप्टोस्पायरोसिस एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जिसका उपचार ना होने पर वह एक जानलेवा बीमारी के रूप मे भी साबित हो सकती है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल कुछ दिनों से पंजाब के मुख्यमंत्री कुछ कारणों से अस्वस्थ्य थे जिसके बाद उन्होंने चंडीगड़ के मोहाली के एक निजी अस्पताल मे अपना इलाज करवाया। इलाज के दौरान उनको डॉक्टर ने बताया की वे Leptospirosis बीमारी से ग्रसित हैं तथा उनका जल्द ही इलाज करना होगा। इन सूचनाओ के अतिरिक्त बता दें की वे अभी पूरी तरीके से तो नहीं पर स्वस्थ्य हैं व उनका इलाज जारी है उन्हें एंटीबायोटिक्स का उपचार दिया जा रहा है। उनके जल्दी ठीक होने की कामना उनकी पार्टी के अन्य नेता और विपक्ष कर रही है।
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Leptospirosis क्या है?
Leptospirosis एक बैक्टीरिया के कारण होने वाली बीमारी है, जो संक्रमित जानवरों या लोगों के मूत्र या दूषित पानी के संपर्क में आने से होती है। यह बीमारी दुनिया भर में पाई जाती है, लेकिन यह अधिक वर्षा वाले उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में ज़्यादा आम है। यह बीमारी मुख्य रूप से किसानों, पशु चिकित्सकों, सीवर श्रमिकों, या उन लोगों को प्रभावित करती है जिनका काम जानवरों से जुड़ा होता हैं।
इसके लक्षण?
भारी बारिश या बाढ़ के बाद Leptospirosis का खतरा ज़्यादा बढ़ जाता है तथा इसके लक्षण फ़्लू जैसे ही होते हैं। Leptospirosis के बैक्टीरिया त्वचा के घाव, मुंह, नाक, या आंखों से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। इस बीमारी की पुष्टि तब होती है जब लेप्टोस्पायर को नैदानिक नमूनों से अलग किया जाता है। अगर इसका इलाज न किया जाए, तो मरीज़ को मेनिन्जाइटिस, सांस लेने में तकलीफ, किडनी खराब होना या लीवर खराब हो सकता है तथा कुछ केस में मरीजों की मृत्यु भी हो सकती हैं।
10 लाख से ज़्यादा लोग लेप्टोस्पायरोसिस से पीड़ित
ऐसा अनुमान है कि दुनिया भर में हर साल 10 लाख से ज़्यादा लोग Leptospirosis से पीड़ित होते हैं। इनमें से लगभग 60,000 लोग इससे मर जाते हैं। लेप्टोस्पायरोसिस में दो चरण होते हैं: लेप्टोस्पायरमिक (तीव्र) चरण और प्रतिरक्षा (विलंबित) चरण। लेप्टोस्पायरमिक चरण में आपको हल्के लक्षण हो सकते हैं या कोई लक्षण नहीं हो सकते हैं। कुछ लोगो में प्रतिरक्षा चरण में गंभीर लक्षण विकसित होते हैं। आमतौर पर लेप्टोस्पाइरा संक्रमण के दो से 14 दिनों के भीतर शुरू होता है। यह तीन से 10 दिनों तक रहता है।
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मनुष्यों में लेप्टोस्पायरोसिस के लक्षण क्या-क्या हो सकते हैं?
आमतौर पर इसके लक्षण फ्लू जैसे ही होते है जो की इस प्रकार है:-
- तेज़ बुखार
- सिरदर्द
- बदनदर्द
- उल्टी
- दस्त
- खरोंच
- ठंड लगना
- मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द
- पेट में दर्द या मरोड़
- कंजंक्टिवल इंजेक्शन (आंखे लाल होना)
- पीलिया (त्वचा या आंखे पीली होना)
- हेमोप्टाइसिस (खून की उल्टी)
- पेशाब की मात्रा में कमी आना।
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