Maharaj on Netflix: आमिर खान के बेटे जुनैद खान की पहली अर्थात डेब्यू फिल्म ”महाराज” शुरुआत से ही चर्चा का विषय रही है वही इस फिल्म में कुछ केस भी चल रहे थे जिससे अभी कोर्ट ने इन्हे राहत दे दी है और यह फिल्म OTT प्लेटफ़ॉर्म Netflix (Maharaj on Netflix) पर स्ट्रीम भी हो रही है जिससे यह अच्छी खासी कमाई कर रही है। क्यों यह फिल्म इतनी चर्चा का विषय रही है? फिल्म पर कौन सा और किस प्रकार से केस चल रहा था? फिल्म की कास्टिंग, कहानी और रिव्यू के बारे में आइए जानते हैं।
फिल्म महाराज क्यों थी चर्चा का विषय?
बता दें की महाराज मूवी पर बैन लगे होने के कारण यह फिल्म इतना चर्चा का विषय बन गई थी। फिल्म पर यह आरोप लगा था की इस फिल्म में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया है जिसके बाद इस फिल्म की रिलीज पर कोर्ट द्वारा रोक भी लगा दी गई थी, हालांकि शुक्रवार को गुजरात हाईकोर्ट ने ‘महाराज’ को बड़ी राहत दी और इसकी रिलीज को क्लिनचीट देते हुए हरी झंडी दिखा दी है।
किसने दर्ज की थी याचिका?
दरअसल वैष्णव संप्रदाय पुष्टिमार्गी के 8 सदस्यों ने इस फिल्म के खिलाफ याचिका दर्ज कारवाई थी और उन्होंने बताया था की फिल्म के कुछ सीन्स में “निंदनीय और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया है, जो पुष्टिमार्गी संप्रदाय की भावनाओं को आहत कर सकती है। साथ ही फिल्म की रिलीज से “पुस्तिमार्गी संप्रदाय के खिलाफ नफरत और हिंसा की भावनाएं भड़कने की संभावना है, जो सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 के तहत आचार संहिता का उल्लंघन होगा।” हालांकि इन सभी बातों से परे कोर्ट ने फिल्म को हरी झंडी दिखा दी हैं।
कोर्ट ने क्या कहा फिल्म के बारे में?
जस्टिस संगीता विशेन ने कहा कि ”कोर्ट ने नेटफ्लिक्स और यशराज फिल्म्स को अदालत के आदेश की फॉर्मल रेसिप्ट के बिना ही फिल्म को रिलीज करने की स्वतंत्रता दी है, जिसे उपलब्ध कराने के लिए कुछ समय की आवश्यकता होगी।” याचिका पर कार्यवाही करते हुए कोर्ट ने फिल्म देखने के बाद कहा कि इसमें “कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है जिससे याचिकाकर्ताओं या किसी संप्रदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे।”
Maharaj on Netflix: फिल्म की कास्टिंग
फिल्म की कास्टिंग की बात करे तो इस फिल्म में जुनैद खान , जयदीप अहलावत , शालिनी पांडे , शरवरी वाघ , जय उपाध्याय , स्नेहा देसाई , विराफ पटेल , धर्मेंद्र गोहिल , संजय गोराडिया और माहेर विज है। फिल्म में करसन दास की भूमिका में जुनैद, महाराज कहे जाने वाले जादूनाथ की भूमिका में जयदीप अहलावत, किशोरी के रूप में शालिनी पांडे जो की करसन की मंगेतर भी है।
फिल्म की कहानी
महाराज की कहानी भारतीय कानून के इतिहास में इस केस का महत्वपूर्ण प्रभाव को दर्शाती है जिसमे की यह वर्ष 1862 में ब्रिटिश शासन के दौरान करसनदास मुलजी से जुड़े मानहानि केस पर आधारीत है। यह कहानी एक सोशल एक्टिविस्ट और जर्नलिस्ट करसनदास मुलजी की है जिसकी मंगेतर किशोरी को अपने आप पर बहुत गर्व होता है क्योंकी उसे जादूनाथ ‘चरणसेवा’ के लिए इतने भक्तों में से उसे ही चुनते है। बचपन से महाराज की अंधभक्ति में पली किशोरी को ये समझ ही नहीं आता कि ‘चरणसेवा’ में ‘चरण’ सबसे गैरजरूरी शब्द है, और ये असल में सेवा नहीं, शोषण है!
जादूनाथ महाराज ने मानहानि का दावा करते हुए करसनदास पर आरोप लगाया था की करसनदास उनपर और उनके भक्तों पर लांछन लगाकर उनकी छवि खराब की है। इस मामले में तत्कालीन बॉम्बे सुप्रीम कोर्ट के ब्रिटिश जजों ने करीब डेढ़ महीने की सुनवाई के बाद करसनदास के पक्ष में फैसला सुनाया था। सत्य व शोषण के पुजारियों व धर्म के ठेकेदारों से इस तरह के कचहरी युद्ध में कैसे करसनदास को न्याय मिलता है व कैसे उसकी बात साबित होती है जिससे बहुत से नारी शोषण से बचते हैं।
फिल्म का रिव्यू
फिल्म के रिव्यू की बात करे तो फिल्म के मुख्य अभिनेता की यह पहली फिल्म थी जिसके कारण यह थोड़ा देखने में अजीब लग रहा था, आमिर खान को मिस्टर परफेक्शनिस्ट कहा जाता है ऐसे में उनके बेटे जुनैद खान से एक्टिंग के मोर्चे पर काफी उम्मीदें थीं जिससे जुनैद एक्टिंग पर तो कुछ हद तक पास हो गए है लेकिन कुछ जगहों पर वे खरे नहीं उतरे हैं। फिल्म की राइटिंग बिल्कुल तितर-बितर है, तब भी कई बार एक्टर्स का काम आपका ध्यान बांधे रखता है महाराज जादूनाथ का रोल कर रहे जयदीप अहलावत ही थोड़ा ध्यान बांध पाते है। वहीं अगर रेटिंग की बात करे तो इस फिल्म को 5 स्टार में से 3 स्टार दिए गए हैं।