Muhammad Yunus: बुधवार को बांग्लादेश की राजधानी ढाका की एक अदालत ने नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर Muhammad Yunus और 13 अन्य पर एक दूरसंचार कंपनी के कर्मचारियों के लाभांश से 20 लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक का गबन करने आरोप तय किया। सैयद अराफात हुसैन जो विशेष न्यायाधीश है, उन्होंने आरोपियों की ओर से आरोप खारिज करने की याचिका खारिज की और मुकदमा चलाने के आदेश दिया है। हालांकि, युनूस ने सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया है।
कौन है नोबेल विजेता Muhammad Yunus?
मोहम्मद यूनुस का जन्म 28 जून 1940 में बांग्लादेश के बथुआ गाँव में एक बंगाली मुस्लिम परिवार में हुआ था। वह एक बांग्लादेशी सामाजिक उद्यमी, बैंकर, अर्थशास्त्री और नागरिक समाज के नेता हैं। इन्हे माइक्रोफाइनेंस की अवधारणाओं को आगे बढ़ाने के लिए 2006 में मोहम्मद यूनुस और बांग्लादेश के ग्रामीण बैंक को संयुक्त रूप से नोबेल के शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
मोहम्मद युनूस ने क्या कहा अपने पक्ष में?
Muhammad Yunus को इससे पहले भी जनवरी में श्रम कानूनों को ना मानने पर 6 महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी। इस मामले की सुनवाई 15 जुलाई को होगी पर इसके पहले मोहम्मद युनूस ने कहा – मैं किसी भी भ्रष्टाचार में शामिल नहीं हूं। युनूस का कहना है की अधिकारी उन्हें और उनके अन्य सहयोगियों को परेशान कर रहे हैं।
यूनुस ने 13 अन्य के वकीलों ने बेकसूर बताया और मुवक्किलों को छूट देने की मांग की थी, लेकिन अदालत ने याचिका खारिज कर दी कहा कि आरोपियों के खिलाफ आरोप का प्राथमिक रूप साबित हो गए, जिसमें धन के दुरुपयोग तथा पैसों को अवैध रूप से विदेश भेजने के आरोप भी शामिल हैं। फिलहाल युनूस जमानत पर बाहर है।
Muhammad Yunus पर केस क्या है?
अभियोजन पक्ष के वकील ने यूनुस और अन्य लोगों पर ‘ग्रामीण टेलीकॉम’ के श्रमिक कल्याण कोष से करीब 20 लाख अमेरिकी डॉलर का गबन करने का आरोप लगाया और यूनुस की ‘ग्रामीण टेलीकॉम’ देश की सबसे बड़ी मोबाइल फोन कंपनी ‘ग्रामीणफोन’ की 34.2 प्रतिशत हिस्सेदार है। ग्रामीणफोन नॉर्वे की दूरसंचार दिग्गज ‘टेलीनॉर’ की सहायक कंपनी है और इस कंपनी पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप है।
क्या जेल जाना पड़ सकता है युनूस को?
Muhammad Yunus ने कहा कि जब तक कोई आरोपी दोषी साबित नहीं हो जाता, तब तक उसे निर्दोष ही माना जाना चाहिए। लेकिन फिर भी पूरी सुनवाई के दौरान हम लोहे के कटघरे के अंदर रहेंगे। युनूस पर लगे आरोपों की बात की जाए तो 150 से ज्यादा अन्य मामले दर्ज हैं। जिनमें भ्रष्टाचार के बड़े आरोप भी शामिल हैं, उनमें दोषी पाए जाने पर उन्हें कई वर्षों की जेल की सजा हो सकती है।