Onion Export: लोकसभा चुनाव के कारण आदर्श आचार संहिता लागू होने से केंद्र सरकार ने 4 मई 2024 को प्याज के निर्यात से प्रतिबंध हटाने से पहले निर्वाचन आयोग की स्वीकृती ली है। इस फैसले से उपभोक्ताओं और प्याज़ की खेती करने वाले करोड़ो किसानों को फर्क पड़ेगा।
Onion Export से प्रतिबंध हटाने के लिए ली अनुमति
सरकार ने शनिवार को प्याज निर्यात से प्रतिबंध हटा दिया था, इससे बड़ी संख्या में किसानों को मदद मिली थी। सरकारी सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्रालय के तहत राजस्व विभाग ने 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क और 550 अमेरिकी डॉलर प्रति टन के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) की शर्तों के तहत प्याज निर्यात से प्रतिबंध हटाने के लिए निर्वाचन आयोग से अनुमति ली है।
सचिव निधि ने कहा...
सचिव निधि खरे ने कहा, ‘‘कीमतें स्थिर रहेंगी। अगर कोई बढ़ोतरी होती है, तो यह बहुत मामूली होनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि सरकार उपभोक्ताओं और किसानों दोनों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
उत्पादन में संभावित गिरावट की चिंता
यह फैसला ऐसे समय लिया गया है जब महाराष्ट्र औरअन्य उत्पादक प्रमुख क्षेत्रो में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होने वाला है। विगत वर्षो के दौरान देश से सालाना 17 लाख से 25 लाख टन प्याज का निर्यात हुआ है। पिछले साल आठ दिसंबर को केंद्र ने उत्पादन में संभावित गिरावट की चिंताओं के बीच खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था.
प्याज़ के शुल्क
उभोक्ता मामलो के विभाग की सिफारिश से प्याज के निर्यात से प्रतिबन्ध हटाने का निर्णय लिया गया है।प्याज़ के शुल्क को देखते हुए 770 डॉलर प्रति टन या 64 रुपये प्रति किलोग्राम से कम भाव पर प्याज निर्यात की अनुमति नहीं दी गई है, जबकि केंद्र सरकार ने 550 डॉलर प्रति टन के न्यूनतम निर्यात मूल्य (लगभग 46 रुपये प्रति किलोग्राम) के साथ ही 40 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लगाया है।
सरकार का निर्णय
सरकार के इस निर्णय पर तर्क बताते हुए ,खरे ने कहा, “प्याज निर्यात पर प्रतिबंध आज (शनिवार) से हटा दिया गया है क्योंकि आपूर्ति की स्थिति आरामदायक है और कीमतें दोनों मंडियों के साथ-साथ खुदरा बाजारों में भी स्थिर हैं।”
वैश्विक बाजारों में प्याज
खरे ने कहा, “प्रतिबंध हटने से किसान प्याज की खेती के लिए और अधिक क्षेत्र लगाने के लिए प्रोत्साहित होंगे। मानसून का पूर्वानुमान सामान्य से ऊपर है।” यह निर्णय लेते समय वैश्विक बाजारों में प्याज की उपलब्धता और कीमतों को भी ध्यान में रखा गया।
मासिक घरेलू मांग
अप्रेल में नासिक की लासलगांव मंडी में मॉडल कीमत 15 रुपये प्रति किलोग्राम थी। सचिव ने कहा कि प्याज की मासिक घरेलू मांग लगभग 17 लाख टन है। सचिव ने बताया की एक उच्च स्तरीय टीम जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए महाराष्ट्र में प्रमुख प्याज उत्पादक का भी दौरा किया।
केंद्र सरकार पर काँग्रेस का आरोप
केंद्र सरकार ने पिछले महीने छह पड़ोसी देशों बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, भूटान, बहरीन, मॉरीशस और श्रीलंका को 99,150 टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर प्याज़ के निर्यात पर प्रतिबन्ध से प्रभावित हुए महाराष्ट्र के प्याज किसानो को अनदेखी करने का आरोप काँग्रेस ने पिछले महीने ही लगाया था।