Pradeep Mishra: नतमस्तक होकर माता राधा रानी से मांगी माफी, विवादित बयान से नाराज थे ब्रज के साधुसंत

Pradeep Mishra
Pradeep Mishra image via: Social Media

Pradeep Mishra: 29 जून शनिवार को कथावाचक Pradeep Mishra ने बरसाना पहुँचकर माता राधा रानी के दर्शन किए और वहाँ पर साधू-संतों समेत बृजवासियों से भी माफी मांगी। उनके बरसाना आने का उद्देश्य माफी का ही था। राधा रानी जी के विवादित बयान के चलते पंडित प्रदीप मिश्रा ने इस बयान के पूरे 20 दिन बाद बरसाना में नाक रगड़कर माफी मांगी।

आखिर कथावाचक Pradeep Mishra का बयान क्या था?

दरअसल कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने छत्तीसगढ़ में एक कथा के दौरान कहा था की भगवान श्रीकृष्ण की राधा रानी धर्मपत्नी नहीं थीं। राधा रानी जी का विवाह अनय घोष संग हुआ था। राधारानी का बरसाना गांव नहीं है, उनके पिता बृषभानु वर्ष में एक बार बरसाना में कचहरी लगाने आते थे। इसलिए बरसाना नाम पड़ा है।

ब्रजवासियों की झेलनी पड़ी नाराज़गी

राधा रानी और भगवान श्री कृष्ण को लेकर विवादित बयान से ब्रजवासियों द्वारा प्रदीप मिश्रा का विरोध किया जा रहा था। पंडित प्रदीप मिश्रा की खूब आलोचन हुई और संत समाज ने उनसे माफी मांगने की शर्त रखी थी और मथुरा के संत प्रेमानंद खूब नाराज़ थे। जिसके बाद Pradeep Mishra दोपहर को बरसाना पहुचे और राधारानी जी  को दंडवत प्रणाम किया और नाक रगड़कर माफी भी मांगी। इसी बीच उनके सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे।

कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने क्या कहा?

कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने माफी मांगने के बाद कहा – “मैं ब्रजवासियों के प्रेम के कारण यहां पहुंचा हूं। सभी ब्रजवासियों को बधाई, राधारानी के दर्शन करने के लिए यहां पधारा हूं। लाडली जी ने खुद ही इशारा कर मुझे यहां बुलाया, इसलिए मुझे यहां आना पड़ा।”

कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने सबसे निवेदन किया

प्रदीप मिश्रा ने और आगे कहा की मेरी वाणी और मेरे शब्दों से किसी को अगर चोट पहुंची है तो मैं क्षमा चाहता हूँ राधा रानी, किशोरी जी से क्षमा चाहता हूं। ब्रजवासियों को अगर मेरे शब्दों और वाणी से चोट पहुंची हो तो उन्हें दंडवत कर माफी मांगता हूं। सभी से निवेदन है कि किसी के लिए कोई अपशब्द न कहें। राधे-राधे कहें, महादेव कहें। मैं सभी महंत, धर्माचार्य और आचार्य से माफी मांगता हूं।

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की भूमिका

प्रदीप मिश्रा द्वारा राधारानी पर की गई टिप्पणी पर प्रेमानंद महाराज ने फटकार लगते हुए कहा था कि शास्त्रों का ज्ञान नहीं है। बाद में यह कहा गया कि मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने प्रदीप मिश्रा और प्रेमानंद महाराज के बीच समझौता कराई गई।

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Poranika Singh

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