Sunil Chhetri Retirement: भारतीय स्टार फुटबॉलर सुनील छेत्री ने गुरुवार की सुबह अपने रिटायरमेंट का ऐलान किया। सुनील छेत्री ने 16 जून को अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास लेने के अपने फैसले की घोषणा की, जिससे उनके दो दशक के शानदार करियर का अंत हो जाएगा। उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक वीडियो के माध्यम से अपनी भावनाओ को व्यक्त किया हैं।
राष्ट्रीय टीम के कप्तान के रूप में सेवारत
छेत्री ने सोशल मीडिया पर अपना 10 मिनट का वीडियो शेयर करते हुए कहा है, की ‘वह इस खेल को अलविदा कहने का मन बना चुके हैं। वे कई समय से राष्ट्रीय टीम के कप्तान के रूप में सेवारत थे, उन्हे अपने ऊपर गर्व होता हैं। वीडियो में उन्होनें अपनी भावनाओ को व्यक्त किया है की वे अब क्या महसूस कर रहे हैं। मैं कुछ विवादित बात कहूं, मुझे नहीं लगता कि इस देश में किसी भी खिलाड़ी को इतना प्यार मिला है जितना फैंस ने मुझे दिया हैं।
मेरा बेटा मुझे मैदान पर खेलते हुए देखे
मुझे लगता है की मैं इस देश का ज्यादा लाडल रहा हूं, फैंस ने मुझे बहुत प्यार दिया है। जिसके वजह से मैं खुद को बहुत ही किस्मतवाला समझता हूँ और मेहनती फुटबॉल खिलाड़ी बन पाया। मैं चाहता था की मेरा बेटा मुझे मैदान पर खेलते हुए देखे। उसे पता हो की उसके पिता ने कितने मेहनत से अपना मुकाम हासिल किया है, मैने केवल खेल में ही नहीं बल्कि इन सभी के भरोसे व दिलों को भी जीता है।
पेशेवर फुटबॉलर खिलाड़ी नहीं बनना चाहता था
सुनील का जन्म 3 अगस्त, 1984 में आंध्र प्रदेश के सिकंदराबाद में हुआ था। उनके पिता केबी छेत्री आर्मी मैन थे, लेकिन वे भी अपने शुरुआती दौर में खेल खेला करते थे और उनकी माता सुशीला राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के लिए नेपाल से खेला करती थी। बचपन से ही उनकी हर चीजों में परिवर्तन देखने को मिलता था, लेकिन उनका यह फुटबॉल के लिए उनकी ललक में कभी परिवर्तन नहीं आया बल्कि यह समय के साथ और भी बढ़ता गया था। सुनील ने बताया था की वे कभी भी पेशेवर फुटबॉलर खिलाड़ी नहीं बनना चाहते थे। ये तो बस उनकर लिए एक साधारण खेल था बस जैसे सभी लोग खेलते हैं।
दुनिया के टॉप 4 फुटबॉलर्स में उनका नाम दर्ज
सुनील ने बताया की आर्मी मैन के बेटे होने के कारण वे हमेशा स्कूल बदलते रहते थे, लेकिन एक स्कूल मैच में उनका बेहतरीन प्रदर्शन होने के कारण उन्होंने फुटबॉल की तरफ ज्यादा ध्यान दिया क्योंकि वे चाहते थे की उन्हे एक अच्छे कॉलेज में दाखिला मिल जाए और वे अपनी पढ़ाई अच्छी तरह से कर पाए। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2005 में सीनियर टीम के साथ डेब्यू करके शुरू किया। भारत व अपनी राष्ट्रीय टीम के लिए सबसे ज्यादा गोल करने वाले दुनिया के टॉप 4 फुटबॉलर्स में उनका नाम दर्ज हुआ व उन्हें साल 2011 में अर्जुन पुरुस्कार और 2019 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
सुनील की लव स्टोरी
वर्ष 2002 से 2005 तक सुनील “मोहन बागान” से खेलते थे , उसी वक्त सुब्रत भट्टाचार्य टीम के कोच थे जो की पूर्व भारतीय फ़ुटबॉलर भी थे। सुब्रत की बेटी सोनम भट्टाचार्य से सुनील की लव स्टोरी स्टार्ट हुई और सोनम और सुनील की कूजह दिनों बड़ शादी हो गयी। सिर्फ 18 साल के सुनील ओर 15 साल की सोनम को पहली ही मीटिंग मे प्यार हो गया। 2017 मे दोनों की शादी हुई ओर पिछले साल वे माता पिता भी बन गए।
Sunil Chhetri Retirement: देश के लिए 150 मैचों में 94 गोल किए
भारत के लिए अंडर-20 और अंडर-23 टीमों के साथ उन्होंने अपनी पहचान बनाई थी। जिसके बाद उन्होनें देश के लिए 150 मैचों में 94 गोल किए थे। सुनील की मेहनत ने उन्हे इस कदर सफल बनाया की वे क्रिस्टियानो रोनाल्डो, अली डेई और लियोनेल मेस्सी के बाद सबसे ज्यादा सक्रिय खिलाड़ियों में अंतरराष्ट्रीय गोल करने वाले दुनिया के चौथे खिलाड़ी बन पाए।