Surat Train Accident Case: साजिश का हुआ पर्दाफ़ाश, खुद घटना की जानकारी देने वाला निकला आरोपी

Surat Train Accident Case
Surat Train Accident Case, image via: Freepik

Surat Train Accident Case: एक घटना ने रेलवे विभाग में हड़कंप मचा दिया था जिसमें गुजरात में सूरत के किम स्टेशन के पास ट्रेन को पटरी से उतारने की बड़ी साजिश रची गई थी पर अब इस साजिश का पर्दाफ़ाश हो गया है और आरोपी खुद आरोप लगाने वाले निकले। किम स्टेशन के पास अप-लाइन पर यह तोड़फोड़ की गई थी, इस लाइन का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश जैसे उत्तरी राज्यों की ओर जाने वाली ट्रेनों के द्वारा किया जाता है।

Surat Train Accident Case: क्या था मामला?

Surat Train Accident Case में सूरत के नजदीक कीम और कोसंबा रेलवे स्टेशन के बीच अज्ञात लोगों द्वारा रेलवे ट्रैक से छेड़छाड़ करके फिशप्लेट्स हटा देने और रेल को जोड़ने वाले 71 बोल्ट ढीले कर देने की खबर आई थी। स्टेशन अधीक्षक को यह सूचना प्राप्त हुई जिसके बाद रेलवे ट्रैकमैन सुभाष कुमार को निरीक्षण करने के लिए भेजा गया और उन्होंने इस छेड़छाड़ की पुष्टि भी की। इस षडयंत्र में  गरीबरथ एक्सप्रेस को पटरी से उतारने की साजिश रची गई थी।

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किसने रची थी साजिश और क्यों?

पुलिस ने Surat Train Accident Case की जांच की और मामले का खुलासा कर रेलवे के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने जांच में पाया की यह षडयंत्र रचने वाले कोई और नहीं बल्कि रेलवे को जानकारी देने वाला ट्रैकमैन ही मुख्य आरोपी था। दरअसल आरोपी सुभाष ने यह सब अवॉर्ड पाने और जल्द तरक्की पाने के चक्कर में किया वे रात्रि ड्यूटी से निजात पान चाहते थे व परिवार के साथ बाहर जाना चाहते थे।

यह हैं 3 आरोपी

इस मामले में पुलिस ने 3 आरोपी सुभाष कुमार कृष्णकुमार पोद्दार (39), शुभम जयप्रकाश जयस्वाल (26) और मनीष कुमार सूर्यदेव मिस्त्री (28) को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से 3 मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं। सजिशकर्ता सुभाष पोद्दारा और मनीष मिस्त्री ट्रैकमैन हैं और शुभम जायसवाल एक कांट्रैक्ट वर्कर है. आरोपी सुभाष कुमार कृष्णकुमार पोद्दार बिहार के भागलपुर का रहने वाला है और रेलवे में नौ साल से कार्यरत है। शुभम जायसवाल उत्तर प्रदेश के चंदौली से है और मनीष मिस्त्री पटना के अंकुरी गांव का रहने वाला है।

कैसे हुआ खुलासा?

Surat Train Accident Case पर जिला पुलिस ने मौके पर घटना के दिन से 140 पुलिसकर्मी तैनात कर दिए थे। पुलिस ने डॉग स्क्वायड, एफएसएल और ड्रोन कैमरे की मदद से आसपास की छनबीन की। सुभाष कुमार ने पुलिस को बताया था कि उसने मोबाइल में फोटो व वीडियो लिए हैं जब पुलिस ने इसकी जांच की तो उन्होंने ट्रैक पर ट्रेन के आने से पहले व सूचना मिलने के समय के बीच बड़ी संख्या में फिशप्लेट और ईआरसी खोलना संदेहजनक पाया।

पुलिस ने तीनों रेलकर्मियों के मोबाइल की जांच की जो पेट्रोलिंग में शामिल थे। पुलिस ने पाया की मनीष मिस्त्री ने मोबाइल में ईआरसी क्लिपों के फोटो लेने के बाद डिलिट कर दिया था, जो रिसाइकिलबिन हिस्ट्री को जांचने के बाद सामने आ गए। कड़ाई से पूछताछ करने पर उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

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पुलिस के प्रमुख हितेश जॉयसर ने बताया

Surat Train Accident Case पर सूरत ग्रामीण पुलिस के प्रमुख हितेश जॉयसर ने कहा, ‘आरोपी सुभाष रेलवे कर्मचारी है. वह 9 साल से रेलवे में तैनात है. दूसरा आरोपी मनीष पिछले डेढ़ साल से काम कर रहा है. तीसरा आरोपी शुभम कॉन्ट्रैक्ट बेस मजदूर है और कुछ दिन पहले ही काम पर आया था. सुभाष के कहने पर मनीष उसके साथ रुका और वारदात को अंजाम दिया. इसमें सुभाष मुख्य आरोपी है. तीनों आरोपियों पर ट्रैकमैन के तौर पर ट्रैक मेंटेनेंस की जिम्मेदारी थी।

लगाई गई यह धारा

पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 3(5) (सामान्य इरादे से कई व्यक्तियों द्वारा आपराधिक कृत्य), 61(2)(a) (आपराधिक साजिश), 125 (उतावलेपन या लापरवाही से किए गए कार्य जो मानव जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालते हैं) के तहत मामला दर्ज किया. तथा आरोपियों पर रेलवे अधिनियम और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।

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Poranika Singh

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