Vishal Patil: 6 जून 2024 गुरुवार को महाराष्ट्र की सांगली सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार विशाल पाटिल ने कांग्रेस पार्टी को अपना समर्थन दे दिया है। विशाल पाटिल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की और उन्होंने अपना समर्थन पत्र सौंप दिया। Vishal Patil के समर्थन से कांग्रेस को फायदा हुआ।
बिना शर्त Vishal Patil ने कांग्रेस को समर्थन दिया
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सांगली से निर्वाचित सांसद Vishal Patil के इस समर्थन का स्वागत किया। विशाल पाटिल का समर्थन कांग्रेस के प्रति “बिना शर्त” वाला था। इसी बीच सांसद विशाल पाटिल ने कहा – “महाराष्ट्र की जनता ने अहंकार और बांटने वाली राजनीति को सबक सिखाया है”।
कांग्रेस का शतक इस समर्थन से पूरा हुआ
कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में 99 सीटें मिली थी। सांसद Vishal Patil के समर्थन के बाद लोकसभा में कांग्रेस की 100 सीटें हो गई है। दरअसल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की इच्छा विशाल पाटिल की थी, लेकिन सीट शेयरिंग के कारण ये सीट उद्धव गुट को मिल गई। जिसके बाद वें निर्दलीय सांसद के रूप में महाराष्ट्र की सांगली सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
BJP के संजय को हरा सांगली की सीट दर्ज की
लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की सांगली सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी संजय काका पाटिल को निर्दलीय उम्मीदवार विशाल पाटिल ने हराया है। Vishal Patil महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री वसंत दादा पाटिल के पोते है। विशाल पाटिल को 5 लाख 71 हजार 666 वोट मिले, वहीं बीजेपी के उम्मीदवार संजय पाटिल को कुल 4 लाख 71 हजार 613 वोट मिले। इस सीट में उद्धव ठाकरे गुट के शिवसेना उम्मीदवार चंद्रहार सुभाष पाटिल तीसरे नंबर पर रहे जिन्हें केवल 60860 वोट मिले।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने क्या कहा?
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा – “महाराष्ट्र की जनता ने विश्वासघात, अहंकार और विभाजन की राजनीति को हराया है और ये छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा ज्योतिबा फुले और बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर जैसे हमारे प्रेरक दिग्गजों के लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि है। महाराष्ट्र के सांगली से निर्वाचित सांसद Vishal Patil के कांग्रेस पार्टी को समर्थन का स्वागत करते हैं। संविधान अमर रहे!”
कांग्रेस पार्टी को अब पप्पू यादव से उम्मीद
कांग्रेस पार्टी को अब बिहार के पूर्णिया से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल करने वाले नेता पप्पू यादव से समर्थन की आशा है। पप्पू यादव ने चुनाव से पहले अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया था, पर सीट समझौते के चलते पूर्णिया सीट आरजेडी के हिस्से में चले गई थी। जिसके बाद निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पप्पू यादव ने चुनाव लड़ा।