भारत अपने पहले इंसानी स्पेस मिशन अर्थात गगनयान के तहत चार एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में भेजने वाला है।

इस मिशन के तहत 2 भारतीय मुख्य और एक बैकअप मिशन पायलट होंगे जिनमेँ प्रशांत बालकृष्णन नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और शुभांशु शुक्ला होंगे।

 चार गगनयात्रियों में ग्रुप कैप्टन शुभांशू शुक्ला भी शामिल हैं जो एक भारतीय वायुसेना के सैनिक हैं तथा उनके पास विमान उड़ाने का 2000 घंटे का अनुभव है।

 ISRO ने सबसे कम उम्र के एस्ट्रोनॉट ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को प्राइम एस्ट्रोनॉट बनाया है 

 शुभांशु, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी  के पूर्व छात्र भी हैं उन्हें 17 जून 2006 के भारतीय वायुसेना की लड़ाकू स्ट्रीम में कमीशंड किया गया था।

 शुभांशू फाइटर कॉम्बैट लीडर और टेस्ट पायलट हैं। वह Sukhoi-30MKI, MiG-21, MiG-29, N-32, डोर्नियर, हॉक और जगुआर जैसे खतरनाक विमानों को उड़ा चुके हैं।

 ISRO ने सुचना दी की HSFC ने ISS के लिए अपने आगामी एक्सिओम-4 मिशन के लिए अमेरिका स्थित एक्सिओम स्पेस के साथ अंतरिक्ष उड़ान समझौता किया है।

 4 गगनयात्रियों में से नेशनल मिशन असाइनमेंट बोर्ड ने शुभांशु और प्रशांत का चयन किया है। भारत को आगामी गगनयान मिशन को पूरा करने में मदद मिलेगी।

चयनित ग्रुप कैप्टन शुभांशु और ग्रुप कैप्टन प्रशांत दोनों को अगस्त के पहले हफ्ते से अमेरिका में मिशन के लिए ट्रेनिंग दी

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला प्राइमरी मिशन पायलट होंगे, जबकि इंडियन एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर बैकअप मिशन पायलट होंगे।

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