चिंचवाड़ गांव में लोग संत गोसावी जी से मिलने आते, गोसावी जी उन्हे आशीर्वाद के रूप में मंगलमूर्ति कहते। उसके बाद से यह जयकारा पूर्ण हुआ गणपति बप्पा मोरया, मंगलमूर्ति मोरया।
चिंचवाड़ गांव में लोग संत गोसावी जी से मिलने आते, गोसावी जी उन्हे आशीर्वाद के रूप में मंगलमूर्ति कहते। उसके बाद से यह जयकारा पूर्ण हुआ गणपति बप्पा मोरया, मंगलमूर्ति मोरया।