सभी के घर मे लहसुन तो होता ही है इसका उपयोग  मसालेदार सब्जी, दाल, पुलाव, बिरयानी व मांसाहरी चीजों मे ज्यादातर होता है, लेकिन सवाल यह है, की लहसुन क्या है मसाला या सब्जी?

 यह मामला कोर्ट तक जा चुका है जिसमे लहसुन मसाला है या सब्जी इसे लेकर मध्यप्रदेश हाई कोर्ट इंदौर बेंच ने अहम फैसला दिया है।

 इस सवाल का कारण यह है की लहसुन उगाना और उन्हे मंडी मे बेचना किसानों के लिए एक परेशानी बन चुका था।

किसानों को इस बात की चिंता थी की अगर लहसुन मसाले की श्रेणी मे आता है तो उसे मसाले की मंडी मे बेचना होगा और अगर यह सब्जी की श्रेणी मे आता है तो लहसुन को सब्जी मंडी मे बेचना होगा।

वर्ष 2015 मे कुछ किसान संगठनों के अनुरोध को देखते हुए लहसुन को सब्जी की श्रेणी में डाल दिया गया था। लेकिन बाद में कृषि विभाग ने इस आदेश को रद्द कर दिया था।  

 9 साल बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने इस पर अपना फैसला सुनाया है जिसमे लहसुन को सब्जी की श्रेणी मे रखा गया है।

 कृषि उपज बाजार समिति अधिनियम,1972 के तहत लहसुन को मसाला बताया गया है तथा अब कोर्ट के फैसले के अनुसार लहसुन दोनों ही तरह की मंडियों मे बेचा जा सकेगा।

 लहसुन को सब्जी की श्रेणी मे इसलिए रखा गया है क्योंकि वे जल्दी ही खराब हो जाते है एक सब्जी की तरह, जबकी मसलों को खराब होने मे करीब एक साल लग जाते है।  

कहा जाता है की लहसुन सबसे पहले पश्चिमी चीन के पास स्थित तियान शान पर्वत पर पाया गया और फिर यहीं से वह भारत और पूरी दुनिया में पहुंचा।

कोर्ट के फैसले से किसानों और व्यापारियों को फायदा होने की उम्मीद है, क्योंकि लहसुन को अभी भी मसाले के रूप में ही जाना जाता है और अब इसे एक सब्जी भी माना जाएगा।

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