तिरुपति के लड्डू को लेकर  विवाद छिड़ा है जिसमें मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया कि पिछली सरकार के दौरान लड्डू में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था। 

एक प्रयोगशाला रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि घी के नमूनों में गोमांस की चर्बी, लार्ड और मछली के तेल की मौजूदगी है।

पर क्या आप सब जानते हैं की यह लार्ड होता क्या है? और इसका उपयोग किन चीजों में किया जाता है? तो आइए जानते हैं लार्ड के बारे में। 

100% सूअर की चर्बी से लार्ड बना होता है, इसे सुअर के वसायुक्त भागों से रेंडरिंग नामक प्रक्रिया से अलग किया जाता है। 

सूअरों की चर्बी से प्राप्त यह एक सफेद, नरम वसा है इसकी उच्च धुआं बिंदु इसे तलने और खाना पकाने के अनुप्रयोगों के लिए लोकप्रिय बनाती है। 

सूअर की बेली, बट और शोल्डर जैसे हिस्से सबसे अधिक चरबी प्रदान करते हैं। लार्ड में विटामिन ए और ई नहीं होता है। 

पहले चरबी का उपयोग लगभग हर अमेरिकी रसोई में किया जाता था। हालाँकि, 20वीं सदी के अंत तक लार्ड को संतृप्त फैटी एसिड और कोलेस्ट्रॉल की उच्च सांद्रता के कारण अस्वास्थ्यकर माना जाने लगा। 

मक्खन की तरह लार्ड एक खाना पकाने वाला वसा है जिसका उपयोग बेकिंग, भूनने, ग्रिल करने या तलने के लिए किया जा सकता है।

1950 के दशक में वैज्ञानिकों ने कहा की लार्ड में उपस्थित संतृप्त वसा हृदय रोग का कारण बन सकता है।

वसा को पचाना बहुत कठिन होता है, तो यदि आपके पाचन तंत्र में समस्या है, तो इसे खाने से असुविधाजनक लक्षण हो सकते हैं।

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