पोला का त्यौहार विशेष रूप से किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए समर्पित है।

यह त्योहार भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह बैल पोला का त्योहार 2 सितंबर 2024  को मनाया जाएगा। 

इस त्यौहार में किसानों और खेतिहर मजदूरों के सबसे महत्वपूर्ण साथी, बैलों की पूजा की जाती है

जिनके पास बैल नहीं होते, वे मिट्टी के बैल बनाकर उनकी पूजा करते हैं क्योंकि गाय और बैल को लक्ष्मी के रूप में देखा जाता है। 

बैल को अर्ध जल अर्पित करते हैं, माथे पर चंदन का टीका लगाते हैं, और उन्हें माला पहनाई जाती है।

इसके साथ ही बैलों को विशेष रूप से तैयार भोजन दिया जाता है और धूप-अगरबत्ती के साथ उनकी पूजा की जाती है

बैलों के कारण ही अनाज मिलते हैं व स्वयं महादेव भी बैल नंदी पर सवार होते हैं, इसलिए बैलों की पूजा का यह त्यौहार मनाया जाता है।

पोला किसानों द्वारा मनाया जाने वाला एक धन्यवाद त्यौहार है और यह हर वर्ष श्रावण के महीने में पिठोरी अमावस्या के दिन पड़ता है

पोला का यह त्यौहार विशेष रूप से छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों मे खूब धूम-धाम से मनाया जाता है। 

इस दिन किसान व अन्य मनुष्य, बच्चों को संस्कार और संस्कृति से जोड़ने के लिए मिट्टी के बैल, चूल्हा जैसी सामग्री खेलने के लिए देते हैं।

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